चिरायता एक बहुत ही प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से संक्रामक और सूजन की स्थिति जैसे बुखार, त्वचा रोगों के उपचार में किया जाता है। इसे किराततिक्त भी कहते हैं जिसका अर्थ है – बिल्कुल कड़वा। यह स्वाद में कड़वा होता है। चिरायता एक वर्षीय पौधा होता है और इसके पौधे की ऊँचाई 2-3 फुट तक हो सकती है। इसकी पत्तियाँ चौड़ी भालाकार, 10 cm तक लंबी और 3-4 cm तक चौड़ी होती हैं। नीचे की पत्तियां बड़ी और ऊपर की पत्तियां छोटी होती हैं। चिरायता के फल सफेद रंग के होते हैं। औषधीय प्रयोग के लिए इसके पूरे पौधे का प्रयोग किया जाता है।
चिरायता का वैज्ञानिक नाम स्विर्टिया (Swertia) है। संस्कृत में इस जड़ी-बूटी को भूनिम्ब या किराततिक्त कहा जाता है। इस प्राचीन जड़ी बूटी को नेपाली नीम के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह नेपाल के जंगलों में एक आम पेड़ है। इस पौधे के बारे में सबसे पहले 1839 में यूरोप में पता चला था। यह प्रमुख रूप से हिमालय में 1200-1500 मीटर की ऊंचाई के बीच में पाया जाता है। कई लोग चिरायता का स्वाद कड़वा होने की वजह से इसका सेवन नहीं करते। लेकिन, यह जितना कड़वा होता है, उतना ही रोगों से लड़ने में फायदेमंद भी होता है।
चिरायता के फ़ायदे – Chirata Ke Fayde
1). इम्यूनिटी बढ़ाएं – Swertia Good for Immune in Hindi
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी चिरायता फायदेमंद हो सकता है। चिरायता में मैग्निफेरिन बायोएक्टिव कंपाउंड होता है। यह यौगिक इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव प्रदर्शित करता है। इस प्रभाव की मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर की जरूरत के हिसाब से कार्य कर सकती है।
2). ब्लड साफ़ करे – Chirayata ke Fayde for Blood
इसमें रक्त को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं। कड़वी जड़ी बूटियों की तरह, स्विर्टिया चिरेटा रक्त उत्पादन में बहुत ही अच्छा है।
3). वजन कम करे – Chirata Benefits for Weight Loss in Hindi
वजन कम करना आज एक प्रमुख समस्या बन गया है।कई तरह की दवाएं आज बाजार में उपलब्ध हैं। लेकिन यदि अप चाहें तो चिरायता के प्रयोग से अपना वजन आसानी से कम कर सकते हैं।चिरायता में मौजूद मेथेनॉल आपका उपापचय बढ़ाकर आपका वजन कम करता है।
4). स्किन सौन्दर्य के लिए – Chirata Skin Benefits in Hindi
चिरायता का अर्क त्वचा से संबंधित कई रोगों से आपकी रक्षा करता है।त्वचा पर चकते निकलना या सूजन में भी चिरायता का पेस्ट बनाकर लेप लगाने से ये आराम पहुंचाता है। इसके अलावा ये घावों और पिम्पल्स को भी ठीक करता है।
5). मधुमेह के लिए – How to Use Chirata in Diabetes in Hindi
मधुमेह में चिरायता जड़ी बूटी का व्यापक रूप से रक्त शर्करा को कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है। जड़ी बूटी का कड़वा स्वाद रक्त शर्करा के विकारों में बहुत लाभकारी है। चिराता अग्नाशयी कोशिकाओं में इंसुलिन उत्पादन को उत्तेजित करता है जिससे रक्त शर्करा को कम कर दिया जाता है।
6). ब्लोटिंग के लिए – Swertia ke fayde
लोग गैस, ब्लोटिंग और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अपसेट्स आदि के लिए चिराता का उपयोग करते हैं क्योंकि यह पेट में एसिड का उत्पादन बंद कर देती है। यह आंतों की सूजन को ठीक करती है। आप इसके उपयोग से मतली और दस्त से राहत प्राप्त कर सकते हैं। यह पेट को मजबूत भी करती है।
7). अनीमिया के लिए – Swertia Ayurvedic Benefits for Anemia
चिरायता का उपयोग आयुर्वेद में जड़ी-बूटी के तौर पर किया जाता है। यह शरीर को खून की कमी से भी बचा सकता है। इसकी पत्तियों में मौजूद विटामिन और खनिज हेमाटिनिक प्रभाव होता है। यह प्रभाव शरीर में खून को बनाने में सहायक हो सकता है, इसलिए एनीमिया के घरेलू उपचार में चिरायता का उपयोग किया जा सकता है।
8). भूख बढ़ाने के लिए – Chirata Good for Increase appetite
चिरायता का इस्तेमाल भूख बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है। एक रिसर्च पेपर में लिखा है कि यह पित्त यानी बाइल के स्राव को बढ़ाता है, जिससे भूख बढ़ सकती है। इसी वजह से वर्षों से चिरायता का उपयोग भूख को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
9). मलेरिया के लिए – Chirata Treat Malaria
पारंपरिक तौर पर चिरायता का प्रयोग मलेरिया के बुखार से बचाव के लिए भी किया जाता रहा है। चिरायता में स्वेरचिरिन नामक तत्व होता है, जो एंटी-मलेरिया की तरह काम कर सकता है। इस प्रभाव के कारण मलेरिया और उससे संबंधित लक्षणों से राहत मिल सकती है। इसके लिए चिरायते का इस्तेमाल काढ़े के रूप में किया जा सकता है।
10). पेट के कीड़े मारने के लिए – Chirata Peene ke Fayde
चिरायता में एंथेल्मिंटिक प्रभाव होता है। यह एक तरीके का एंटीपैरासिटिक गुण होता है, जिससे पेट व आंतों में होने वाले कीड़ों को नष्ट करने में मदद मिल सकती है। इसी वजह से पेट के कीड़ों को मारने के तरीके के तौर पर इस जड़ी-बूटी को उपयोग किया जाता है।
11). लीवर के लिए – Kutki Chirata ke Fayde for Liver
किरात (जेन्शियाना चिराता) लिवर की समस्याओं जैसे सिरोसिस, फैटी लिवर और अन्य बीमारियों के लिए बहुत अच्छा है। यह लिवर की कोशिकाओं को रिचार्ज करता है और उनके कामकाज को उत्तेजित करती है। यह सबसे अच्छा लिवर डिटाक्सफाइर है। इसके जिगर पर डिटॉक्सिफ़िकेशन प्रभाव स्पष्ट दिखाई देते हैं। इसलिए आप लिवर की समस्याओं का इलाज करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।
12). कैंसर के लिए – Chirata ke Fayde in Urdu for Cancer
कैंसर जैसी बेहद गंभीर बीमारियों से भी चिरायता हमें लड़ने में मदद करता है।जाहिर है कैंसर एक लगभग लाइलाज बिमारी के रूप में आज हमारे बीच मौजूद है। चिरायता का लाभ हमें लीवर कैंसर में मिल सकता है।
13). गठिया के लिए – Chirata ke Benefits for Gathiya
गठिया एक ऐसी बिमारी है जिसमें जोड़ों में दर्द और कभी-कभी सूजन भी हो जाती है।चिरायता में सूजन को कम करने की क्षमता होती है जिसके कारण ये गठिया से भी हमें बचाता है।इसके अलावा इसमें दर्द, सूजन और लालिमा के उपचार में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।
14). सोरायसिस के लिए – How to Use Chirata in Hindi
सोरायसिस के उपचार में भी चिरायता की सक्रीय भूमिका होती है। इसके लिए 4-4 ग्राम कुटकी और चिरायता एक कांच के बर्तन में 125 ग्राम पानी डालकर रख दें फिर अगली सुबह उस पानी को निथार कर पिएं और 3-4 घंटे तक कुछ न खाएं। लगातार दो सप्ताह ऐसा करने से आपको सोरायसिस में राहत मिलती है।
15). हिचकी और उल्टी के लिए – Chirata ke Fayde in Hindi
एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि चिरायते के गुण उल्टी और हिचकी रोकने में मददगार हो सकते हैं । बताया जाता है कि चिरायता की कड़वाहट लार और बाइल को उत्तेजित करके हिचकी को कम कर सकती है।
चिरायता के नुकसान – Chirata Side Effects in Hindi
- गैस्ट्रिक (पेट के) और आंत के अल्सर की समस्या वालों को चिरायता का सेवन से बचना चाहिए।
- गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका इस्तेमाल चिकत्सकीय परामर्श के बाद ही करें।
- कुछ लोग इसकी कड़वाहट को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं जिससे उन्हें उल्टी सकती है।
- यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। कई बार चिरायता के अधिक इस्तेमाल से रक्त में शर्करा की मात्रा जरूरत से ज्यादा कम हो जाती है, जो खतरनाक हो सकती है। इसलिए मधुमेह रोगियों को इसके उपयोग के समय एहतियात की आवश्यकता होती है।
चिरायता की खुराक – Chirata ka Upyog Kaise Kare
- 1-3 ग्राम पाउडर को दिन में विभाजित मात्रा के अनुसार लें।
- 50-100 मिलीलीटर पानी का काढ़ा प्रति दिन विभाजित मात्रा में लें।
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