आपने बहुत सारी ऐसी फ़िल्मे देखी होगी जिसमे प्लेन मे हाइजेक होते दिखाया गया हो, लेकिन अपने कभी ये नही सोचा होगा की ये रियल मे कोई कर सकता है। ऐसे ही एक कहानी अमेरिका इतिहास मे है। डिबी कूपर (D.B Cooper) अमेरिकी अफ़राध जगत का एक ऐसा किरदार हैं। जिसके बारे मे 45 साल तक छानबीन करने के बाद अमेरिकी जाँच एजेन्सी एफबीआइ ने भी हार मान ली। और अंतत: एफबीआइ ने कूपर के केस से संबंधित फाइल को बंद करने की घोसना कर दी। ऐसे कूपर के कारनामे बहुत दिलचस्प रहे हैं।
चलिए पूरी स्टोरी बताते है – D.B Cooper Story in Hindi
घटना 24 नवंबर,1971 की हैं. पोर्टलैंड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक शख्स पहुँचता हैं। वह नॉर्थ वेस्ट ऑरियेंट एयरलाइंस के काउंटर से सिएटल जाने के लिए फ्लाइट 305 का टिकेट लेता हैं. यह व्यक्ति था ‘ डेन कूपर’ बोइंग 727 मे बैठने के बाद कूपर ने सिगरेट जलाई, बॉर्बर्न और सोडा का ऑर्डर दिया।
घटना के चस्मदीदो के अनुसार, उस व्यक्ति का उम्र 40 से 50 के बीच होगी, बैठने के कुछ देर बाद ही अपने नज़दीक के फ्लाइट अटेंडेंट फ्लोरेंस शैफ्नर को एक पुर्जा दिया. फ्लोरेंस ने बिना पड़े पुर्जा को बेग मे रख लिया। इसके बाद कूपर (Dan Cooper) ने फ्लोरेंस के कान मे कहा, आप उस पुर्जा को देखे मेरे पास बम हैं। इसके बाद तो फ्लाइट अटेंडेंट के होश उड़ गये। कूपर ने फ्लोरेंस को अपने पास बैठने को कहा।
उसने फ्लोरेंस को अपना ब्रीफ़केस खोल कर दिखाया। जिसमे आठ सिलिंडर आपस मे तार से जुड़े हुए थे। इसके बाद कूपर ने यात्रियो की जान की कीमत पर दो लाख अमेरिकी डॉलर, चार पैराशूट और सिएटल मे विमान के लिए एक टैंकर तेल की माँग की।
फ्लोरेंस ने कूपर की माँग को विमान के कॉकपिट मे बैठे कैप्टन तक पहुँचा दिया। पयलट विलियम स्कॉट ने इसकी सूचना सिएटल हवाई अड्डे को दे दी। हड़कंप मच गया। अधिकारियो के पास पहली प्राथमिकता यात्रियो की जान बचाने की थी। सिएटल मे विमान लैंड करने के बाद उसकी माँग पूरी की गयी। तब कूपर ने सभी यात्रियो को उतरने की इजाज़त दे दी।
एफबीआइ ने 20 डॉलर के दस हज़ार नोटों की व्यवस्था की थी। यह रकम भी कूपर को मिल गया। विमान मे तेल भरे जाने के बाद कूपर ने क्रू मेंबर को मैक्सिको की तरफ विमान ले चलने को कहा, विमान के उड़ने के बाद उसने सभी को कॉकपिट मे भेज दिया। सिएटल और रिणो के बीच वह पैराशूट की मदद से विमान से कूद गया।
इसके बाद उसके बारे मे किसी के पास कोई सूचना नही हैं। इस घटना के 44 साल, सात माह और 18 दिन बाद एफबीआइ ने कूपर के केश को बंद करने की घोसना की, एफबीआइ ये भी सोचता हैं की हो सके विमान से कूदने समय कूपर की मौत हो गयी हो। 1980 मे एक बच्चे को छह हज़ार के पुराने नोट का पैकेज मिला था। सभी 20-20 डॉलर के थे और उनके नंबर कूपर को दिए नोट से मैच कर रहे थे। इस केस के बारे मे इससे अधिक जानकारी आज तक कोई जुटा नही पाया हैं।
इस विमान के अपहरण मे कोई हताहत नही हुआ था। लेकिन अमेरिका इतिहास मे यह घटना हमेशा एक रहस्य की तरह रहेगी। एक बार एफबीआइ ने कूपर के डीएनए की मादा से पकड़ने का प्लान भी बनाया था। इसके लिए कूपर द्वारा पिए गये सिगरेट की बॅट की ज़रूरत थी, लेकिन वह एक मात्र सबूत भी गुम हो गया। एफबीआइ जो दुनिया गिने चुने जाँच एजेंसियो मे शामिल है, आख़िरकार पस्त खा गयी और कूपर की फाइल बंद कर दी।
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दोस्तों आपको यह रियल कहानी (World biggest thief in history ) कैसी लगी हमें कमेंट में बताये..