सोनिया गांधी की जीवनी | Sonia Gandhi Biography in Hindi

Sonia Gandhi / सोनिया गाँधी एक भारतीय नेता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रमुख रही हैं। जो दुनिया की सबसे शक्तिशाली लोगों मे शामिल है। सोनिया राजीव गांधी की विधवा पत्नी हैं जिनकी हत्या 1991 में एक बम धमाके में कर दी गयी थी। वे भारतीय राजनीतिक के संपन्न नेहरू परिवार की बहू हैं। उनकी सास इंदिरा गाँधी भारत के 4 बार प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। और उनके दादा ससुर पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। सोनिया 2004 से लोक सभा की चेयरपर्सन थी। सितम्बर 2010 में, फिर से चुने जाने के बाद वह कांग्रेस पार्टी में सबसे ज्यादा समय तक अध्यक्षा बनी रहने वाली पहली नेता हैं।

Sonia Gandhi Biography In Hindiपूरा नाम – सोनिया राजीव गांधी. (Sonia Gandhi Biography In Hindi)
जन्म – 9 दिसम्बर 1946
जन्मस्थान – लुसियाना, इटली.
विवाहराजीव गांधी के साथ
उपलब्धि – कांग्रेस की राष्टीय अध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की पत्नी,

सोनिया गाँधी का परिचय – Sonia Gandhi Biography In Hindi 

उनका विदेश जन्म होने का एक बहुत बड़ा मुददा बना। सोनिया गाँधी प्रारम्भ से ही एक शर्मीली लड़की थीं। सार्वजनिक जीवन में आने से और लोगों से घुलने-मिलने में वह हिचकिचा जाती थीं। उनकी सास इन्दिरा गाँधी ने उनको समझाया और तौर तरीके बदलने की हिदायत दी। इन्दिरा गाँधी का कहना था कि, सोनिया को अपने शर्मीले स्वभाव में बदलाव लाना चाहिए। अन्यथा यह गाँधी परिवार की बदनामी का कारण बन सकता है। इन्दिरा जी की सलाह को सोनिया गांधी ने गम्भीरतापूर्वक लिया और स्वयं को सामाजिक व्यक्ति के रूप में ढालना प्रारम्भ कर दिया. अंत: बहुत सोनिया पावरफूल लीडर बन गयी।

शुरुआती जीवन – Early Life Of Sonia Gandhi In Hindi 

सोनिया का जन्म वैनेतो इटली के क्षेत्र में विसेन्ज़ा से 30 कि.मी. दूर एक छोटे से गाँव लुसियाना में हुआ था। उनका बचपन ओर्बस्सनो के पास बिता जो टुरिन के पास स्थित है। वहा वे रोमन काथोलिटिक परिवार में पली बड़ी। उनके पिता स्टेफानो मानिओ का छोटा सा कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय ओब्रस्सनो में था। सोनिया के पिता की मृत्यु 1983 में हुई थी। सोनिया की माता पाओलो मायनों और उनकी दो बहने भी हैं जो ओब्रस्सनो में रहती है।

Education :- 964 में सोनिया अंग्रेजी सिखने के लिए बिल एजुकेशनल ट्रस्ट् लैंग्वेज स्कूल, केम्ब्रिज विश्वविद्यालय गयी। फिर 1965 में सोनिया एक ग्रीक रेस्टोरेंट में राजीव गांधी से मिली. जो उस समय ट्रिनिटी कॉलेज कैम्ब्रिज में पढ़ते थे। तब 1965 में गांधी 18 वर्ष के विद्यार्थी थे। राजीव को सोनिया से प्रेम हुआ और 1968 में दोनों का विवाह हिंदी रीती रिवाजो में हुआ। फिर सोनिया अपनी सासु माँ इंदिरा गांधी के के साथ रहने लगी थी। सोनिया ने दो बच्चों को जन्म दिया जिनका नाम राहुल और प्रियंका है। राहुल गाँधी राजनीतिक मे सक्रिय हैं।

सबसे बड़ी दुखद घटना सोनिया जी के साथ तब हुई जब उनके पति राजीव गाँधी की हत्या पैरम्बदूर नामक स्थान पर 1991 में आतंकवादियो द्वारा कर दी गयी। उनके लिए यह एक अग्नि परीक्षा थी जिसने उन्हें झकझोर कर रख दिया। पति की हत्या होने के पश्चात कांग्रेस के वरिष्ट नेताओं ने सोनिया से पूछे बिना उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा कर दी परंतु सोनिया ने इसे स्वीकार नहीं किया और राजनीति और राजनीतिज्ञों के प्रति अपनी घृणा और अविश्वास को इन शब्दों में व्यक्त किया कि, “मैं अपने बच्चों को भीख मांगते देख लूँगी, परंतु मैं राजनीति में कदम नहीं रखूँगी।” 1991 में सहानुभूति लहर के बल पर कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई और सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद देने को कहा गया जिसे फिर से उन्होंने अस्वीकार कर दिया। काफ़ी समय तक राजनीति में कदम न रख कर उन्होंने अपने बेटे और बेटी का पालन-पोषण करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया।

सोनिया गाँधी की राजनैतिक जीवन शुरुआत 

1996 में कांग्रेस की हार के बाद उन्हें कांग्रेस की बागडोर सम्भालने पर मजबूर किया गया। जिससे कांग्रेस के नेताओं ने फिर से नेहरु-गांधी परिवार के किसी सदस्य की आवश्यकता अनुभव की परन्तु तब भी उन्होंने अध्यक्ष पद लेने से इनकार कर दिया किन्तु अन्तत: कांग्रेस की कमजोर स्थिति को देखते हुए उन्होंने 1997 में कांग्रेस का अध्यक्ष पद ग्रहण कर ही लिया। जब उन्होंने कांग्रेस की बागडोर को सम्भाला तो उनके आने से कांग्रेस का तरलीकरण ही नहीं रूका बल्कि कांग्रेस मजबूत हुई। राजनीति में कदम रखने के बाद उनका विदेश में जन्म हुए होने का मुद्दा उठाया गया। उनकी कमज़ोर हिन्दी को भी मुद्दा बनाया गया। उन पर परिवारवाद का भी आरोप लगा लेकिन कांग्रेसियों ने उनका साथ नहीं छोड़ा और इन मुद्दों को नकारते रहे।

सोनिया गांधी अक्टूबर 1999 में बेल्लारी, कर्नाटक से और साथ ही अपने दिवंगत पति के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी, उत्तर प्रदेश से लोकसभा के लिए चुनाव लड़ीं और करीब तीन लाख वोटों की विशाल बढ़त से दोनो ही जगह विजयी हुईं। उन्होंने कांग्रेस को मजबूत करने के और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए हर सफल प्रयास किया। उन्होंने कांग्रेस का संदेश फैलाने के लिए 60,000 कि.मी. तक हवाई यात्रा की। 1999 में 13 वीं लोक सभा में वे विपक्ष की नेता चुनी गईं।

सोनिया को 2006 मे सबसे बड़ी चुनौती का सामना तब हुआ जब राजग ने लोकसभा की अवधि पूरी होने से छ: माह पहले चुनाव कराने का निर्णय लिया। उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया। वैसे चुनाव से पूर्व आम राय ये बनाई गई थी कि अटल बिहारी वाजपेयी ही प्रधानमंत्री बनेंगे पर सोनिया गाँधी ने दिन-रात मेहनत करके कांग्रेस को विजय दिलायी। किसी ने उनकी क्षमता पर विश्वास नहीं किया और हर एक उन पर हंसता था। पर उनकी मेहनत यूपीए को अनपेक्षित 200 से ज़्यादा सीटें मिली। सबको उम्मीद थी की सोनिया गांधी ही प्रधानमंत्री बनेंगी और सबने उनका समर्थन किया। परंतु एन डी ए के नेताओं ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल पर आक्षेप लगाए। सुषमा स्वराज और उमा भारती ने घोषणा की कि यदि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बनीं तो वे अपना सिर मुँडवा लेंगीं और भूमि पर ही सोयेंगीं।

18 मई को सोनिया गाँधी ने मनमोहन सिंह को अपना उम्मीदवार बताया और पार्टी को उनका समर्थन करने का अनुरोध किया और प्रचारित किया कि सोनिया गांधी ने स्वेच्छा से प्रधानमंत्री नहीं बनने की घोषणा की है। कांग्रेसियों ने इसका खूब विरोध किया और उनसे इस फ़ैसले को बदलने का अनुरोध किया पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनना उनका लक्ष्य कभी नहीं था। सब नेताओं ने मनमोहन सिंह का समर्थन किया और वे प्रधानमंत्री बने पर सोनिया को दल का तथा गठबंधन का अध्यक्ष चुना गया। वह प्रसिद्धि की ऊँचाईयों पर तब पहुँची जब उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से इनकार किया और करोड़ों लोगों के मन में अपने लिए जगह बनायी।

हर व्यक्ति सत्ता को पाने के लिए सब कुछ करता है किन्तु श्रीमती गांधी ने ठीक इसके विपरीत करके दिखाया और यह सिद्ध कर दिया कि सत्ता सेवा का एक साधन है न कि भोग विलास की एक वस्तु। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर यूपीए के लिए देश की जनता से वोट मांगा। एक बार फिर यूपीए ने जीत हासिल की और सोनिया यूपीए की अध्यक्ष चुनी गईं। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी पार्टी की जिम्मेदारियों से मुक्त हो गई हैं हालांकि अभी भी वे राजनीति में हैं।

सम्मान – Awards :

2013 मे फोर्ब्स द्वारा निकली दुनिया पावरफूल लोगो की लिस्ट में सोनिया गाँधी 21वे पायदान पर थी। जिनमे महिलाओ में उनका 3 पायदान था। जबकि 2007 में पावरफुल महिला थी. फोर्ब्स की 2007 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 6 पायदान पर थी। 2010 में 9 एवं 2012 में 12 पायदान पर फोर्ब्स की लिस्ट में रही। एक और लिस्ट मे 2007 से 2008 में सोनिया विश्व के 100 प्रभावित लोगो में से एक रही जबकि 2010 के एनुअल सर्वे ऑफ़ वर्ल्ड 50 मोस्ट वैल्युएबल फिगर में 29 पायदान पर रही।


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