राजस्थान की जानकारी, तथ्य, इतिहास- Rajasthan information in hindi

Rajasthan / राजस्थान भारत का एक राज्य है। गुलाबी नगरी जयपुर यहाँ की राजधानी है जबकि अरावली रेंज में स्थित माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। राजस्थान का पश्चिमोत्तर भाग काफी शुष्क और रेतीले है जिसमें से अधिकांश भाग को थार रेगिस्तान ने कवर कर रखा है। राजस्थान संसार के कुछ देशों से भी बङा है। जैसे इंगलैण्ड से दोगुना, इजराइल से 17 गुणा। कर्क रेखा इसके दक्षिणी छोर से बांसवाड़ा जिले से होकर गुजरती है। आइये जाने राजस्थान के बारे में और अधिक जानकारी.. 

rajasthanराजस्थान की जानकारी एक नजर में – Rajasthan Information & History In Hindi

1). राजस्थान की स्थापना 1 नबम्वर 1956 को हुई थी।

2). राजस्थान का क्षेञफल 342239 किमी है।

3). राजस्थान में लोकसभा की 25 और राज्यसभा 10 सीटें हैं।

4). यहॉ की राजकीय भाषा हिंदी और राजस्थानी है। और साथ ही लोग उर्दु/ सिन्धी, पंजाबी, संस्कृत और गुजराती भाषा का भी उपयोग करते हैं।

5). राजस्थान में जिलों की संख्या 33 है।

6). यहॉ की राजकीय पशु “चिंकारा” है।

7). यहॉ की राजकीय पक्षी ‘इंडियन बस्टर्ड’ है।

8). यहॉ की राजकीय फूल ‘रोहिरा’ है।

9). यहॉ की राजकीय वृक्ष ‘खेजरी’ है।

10). यहॉ के सबसे बडे शहर अजमेर, अलवर, भरतपुर, जयपुर हैं।

11). यहॉ की प्रमुख गेहूं, बाजरा, जवार, मक्का, जौ, चावल, दालें, सरसाें, मूंगफली, तिल, अलसी, कपास, आदि हैं।

12). यहॉ की प्रमुख नदियां व्यास, चंबल, बनास, और लुनी हैं।

13). राजस्थान में सडकों की कुुल की लंबाई 186806 किमी हैं।

14). राजस्थान देश का सबसे बडा तीसरा नमक उत्पादक क्षेञ है।

15). जनसंख्या की नजर से राजस्थान भारत का 8 वां राज्य है।

16). राजस्थान मुख्यत: एक कृषि व पशुपालन प्रधान राज्य है और अनाज व सब्जियों का निर्यात करता है।

17). इसके पश्चिम और पश्चिमोत्तर सीमा में पाकिस्तान, उत्तर और उत्तर-पूर्व में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश, पूर्व और दक्षिण-पूर्व में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम में गुजरात राज्य है।

18). पश्चिम राजस्थान अपेक्षाकृत सूखा और बंजर है, इसके कुछ हिस्से में थार का रेगिस्तान भी आता है जिसे ग्रेट इंडियन डेज़र्ट भी कहा जाता है।

19). पुरातात्विक और ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर पता चलता है कि यहां लगातार मानव बस्ती होने का इतिहास 1,00,000 साल तक पुराना है।

20). 7वीं से 11वीं सदी के बीच कई राजवंशों का उदय हुआ।

21). 16वीं सदी की शुरुआत में राजपूत शक्ति ने अपने चरम को छुआ। अकबर, कुछ राजपूत राज्यों को मुगल शासन के अधीन लेकर आया।

22). 19वीं सदी की शुरुआत में वे मराठों से संबंद्ध हो गए। मुगलों के पतन के साथ राजपूतों ने धीरे धीरे और कई शानदार जीतों की एक श्रृंखला के साथ आजादी वापस हासिल की।

23). राजपूत यूं तो राजस्थान की आबादी का एक छोटा सा हिस्सा हैं लेकिन इस राज्य का एक बहुत महत्वपूर्ण भाग हैं। उन्हें उनकी लड़ाका प्रतिष्ठा और पूर्वजों पर बहुत गर्व रहता है।

24). ब्राम्हण वर्ग कई गोत्रों में बंटा है, जबकि व्यापारी वर्ग महाजन कई समूहों में है। इनमें से कुछ वर्ग जैन और दूसरे सभी हिंदू हैं। उत्तर और पश्चिम में जाट और गुर्जर सबसे बड़े कृषि समुदायों में से हैं।

25). राजस्थान के सबसे खास त्यौहारों में मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में आने वाला वसंत का त्यौहार गणगौर और अगस्त में आने वाला तीज का त्यौहार है।

26). प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर राजस्थान में भारत भर से हजारों सैलानी आते हैं। पर्यटन राज्य के घरेलू उत्पाद का आठ प्रतिशत से ज्यादा बनता है।

27). राजस्थान अपने किलों, मंदिरों और सजी हुई हवेलियों के लिए मशहूर है। कई पुराने और उपेक्षित किले तथा महलों को हैरिटेज होटल में तब्दील किया गया है।

28). राजस्थान अपनी पारंपरिक और रंगीन कला के लिए जाना जाता है। ब्लॉक प्रिंट, टाई और डाई प्रिंट, बगरू प्रिंट, संगनेर प्रिंट और ज़री कढाई राजस्थान से निर्यात किये जाने वाले मुख्य उत्पादों में से एक है। हस्तशिल्प वस्तुए जैसे लकड़ी के फर्नीचर और शिल्प, कारपेट और मिट्टी के बर्तन हमें यहाँ देखने मिलते है।

29). राजस्थान के मुख्य धार्मिक महोत्सवो में दीपावली, गणगौर, तीज, गोगाजी,होली, श्री देवनारायण जयंती, मकर संक्रांति और जन्माष्टमी शामिल है। राजस्थान रेगिस्तान महोत्सव का आयोजन हर साल ठंड के मौसम में किया जाता है।

30). राजस्थान सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है और इसके प्राचीन इतिहास का प्रभाव इसकी कलात्मक और सांस्कृतिक परंपरा पर दिखाई देता है। यहाँ अलग-अलग प्रकार की समृद्ध लोक संस्कृति है, जिसे अक्सर राज्य का प्रतिक भी माना जाता है।

31). राजस्थान में कई पर्यटक स्थल हैं, विशेष तौर पर इनमें प्राचीन और मध्य युगीन वास्तुकला के प्रमुख हैं। अन्य दर्शनीय स्थलों में माउंट आबू, अजमेर, अलवर का सरिस्का बाघ अभयारण्य, भरतपुर का केवलादेव पक्षी अभयारण्य, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, पाली, जैसलमेर और चित्तौड़गढ़ शामिल हैं। यहां सन् 1992 में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया।


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