Ravichandran Ashwin / रविचंद्रन अश्विन एक भारतीय क्रिकेट आलराउंडर खिलाड़ी हैं जो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों के लिए जाने जाते हैं। 2016 में, वे राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के बाद एकमात्र भारतीय बन गए जिन्होंने आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर पुरस्कार जीता। 2010 में इंटरनेशनल क्रिकेट करियर शुरुवात करने वाले रविचंद्रन अश्विन ने अबतक 300 से ज्यादा टेस्ट में विकेट ले चुके हैं वही एकदिवसीय मैच में 150 विकेट से ज्यादा हैं।
रविचंद्रन अश्विन की जीवनी – R Ashwin Biography in Hindi
रविचंद्रन अश्विन का जन्म 17 सितम्बर 1986 को एक तमिल परिवार में हुआ। वह मेम्बलम पश्चिम चेन्नई में रहते हैं। उन्होंने स्कूली शिक्षा पद्म शेषाद्रि बालभवन तथा सेंट बेद से प्राप्त की। एस एस एन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से उन्होंने इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में बी टेक की डिग्री प्राप्त की। उनके पिता रविचंद्रन क्लब में तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर क्रिकेट खेलते थे इन्ही अश्विन को क्रिकेट की प्रेरणा मिली। अश्विन की माँ चित्रा ने उनकी लंबी गेंदबाज़ी रन अप में समस्या को देखते हुए उन्हें स्पिन गेंदबाजी की सलाह दी।
13 नवम्बर 2011 को उन्होंने अपनी बचपन की दोस्त प्रीति नारायणन से विवाह किया। 11 जुलाई 2015 को उनकी पहली पुत्री अकीरा का जन्म हुआ। उनकी दूसरी पुत्री अद्या का जन्म 2016 में हुआ।
क्रिकेट करियर – R Ashwin Cricketer Career
अनिल कुंबले की तरह रविचंद्रन अश्विन भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़कर क्रिकेट में कैरियर बनाने को प्राथमिकता दी। शुरुवाती समय में अश्विन तमिलनाडु क्रिकेट टीम दक्षिण जोन के लिए ऑलराउंडर के रूप में खेलते थे। आश्विन ने 2006-07 में तमिलनाडु की ओर से खेलते हुए 20 से भी कम औसत से 31 विकेट झटके। लेकिन इसी सीजन में कलाई की चोट के चलते अश्विन यह प्रदर्शन जारी रखने में नाकाम रहे।
इसके बाद इनका सिलेक्शन इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर हुवा। 2008 में आश्विन ने आईपीएल के जरिए शानदार वापसी की। वह टूर्नामेंट में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए 2010 में 13 विकेट लेने वाले बने। इसके बाद इनका सिलेक्शन इंटरनेशनल क्रिकेट में हुवा। हालाँकि जूनियर स्तरीय क्रिकेट में एक शुरुआती बल्लेबाज के रूप में छोटी सफलता हासिल करने के बाद, अश्विन ने ऑर्डर हटा दिया और ऑफ ब्रेक गेंदबाज बन गए।
2010 की शुरुआत में आश्विन को टीम इंडिया की ओर से खेलने का मौका मिला। 2011 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का भी अश्विन हिस्सा थे लेकिन हरभजन सिंह के टीम में होने के कारण उनको मौका नही मिला खेलने का। लेकिन अश्विन लगातार मेहनत करते रहे और उनके निरंतर सुधरते प्रदर्शन और हरभजन के डूबते करियर के चलते अश्विन टीम में स्थाई हो गए। रविचंद्रन अश्विन आईपीएल के मध्यम से नज़रों में आए थे, लेकिन जल्दी ही उन्होने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह ढूँढ ली।
अपने पहले ही टेस्ट मैच में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ अश्विन ने 9 विकट लिए, जो की नरेंद्र हिरवानी के बाद किसी भी भारतीय का पहले मैच में सबसे ज़्यादा विकट लेने का रिकॉर्ड है। उन्हें अपने पहले ही टेस्ट मैच में मॅन ऑफ द मैच मिला। आईपीएल में चेन्नई सूपर किंग्स के दो साल के प्रतिबंध के चलते अश्विन को राइज़िंग पुणे सूपरजाइयेंट ने 2016 में 7.5 करोड़ में खरीदा। उनकी कैरम्म बॉल, उतनी ही बेहतरीन आर्म बॉल, ऑफ स्पिन गेंद पर नियंत्रण, और एक तेज़ दिमाग़ ने अश्विन को सीमित ओवेरो की क्रिकेट का धुरंधर स्पिन्नर बना दिया।
अपने पहले 16 टेस्ट मैचों में ही अश्विन 9 बार पारी में 5 या उससे अधिक विकट ले चुके थे और 2013 में उन्होने एरपल्ली प्रसन्ना का रिकॉर्ड तोड़ कर टेस्ट मैचों में भारत की तरफ से सबसे तेज़ 100 विकट लेने का कीर्तिमान महज़ 18 टेस्ट मैचों में बना दिया।
अश्विन ने अपना 200वां विकेट न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ ग्रीन पार्क स्टेडियम, कानपुर में 26 सितम्बर को लिया था साथ ही ये भारत दुसरे सबसे तेज 200 विकेट लेने वाले भी बन गए। अपने शानदार प्रदर्शन के चलते अश्विन को आईसीसी ने 2016 में टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर और आईसीसी क्रिकेटर ऑफ थे ईयर के खिताब से नवाज़ा।
अश्विन 2017 में टेस्ट मैचों में गेंदबाज़ों और ऑल राउंडरों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं। अश्विन एकमात्र ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं जिसने एक ही टेस्ट मैच में शतक लगाने के अलावा 5 विकेट लेने का कारनामा दो बार किया। अश्विन अपने पदार्पण मैच में ही ‘मैन ऑफ द मैच’ अवॉर्ड पाने वाले तीसरे भारतीय क्रिकेटर हैं।
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