मणिपुर के दर्शनीय और पर्यटन स्थल | Manipur Tourism in Hindi

Manipur Tourist Place / मणिपुर एक खूबसूरत पर्यटन स्‍थल है। मणिपुर को नोंकदार राज्य के तौर पर जाना जाता है। यह राज्य पूर्वोत्तर भारत के हरे-भरे कोने में स्थित है। मणिपुर का हिंदी में अर्थ है. श्जमीन का आभूषणश्ए जो इस राज्य के लिए हर तरह से उपयुक्त उपाधि है। मणिपुर में नैसर्गिक सौंदर्य की भरमार है जिससे कई सैलानी इस प्रांत की ओर आकर्षित होते हैं। इस राज्य जैसी सुंदरता आपको किसी और राज्य में नहीं मिलेगी। धुएं से ढंकी घाटियों से घिरी अंडाकार घाटी सर्वशक्तिमान ईश्वर की अनूठी रचना ही नजर आती है। प्रकृति ने मणिपुर को हर तरह की सुंदरता का उपहार दिया है। पहाड़ियां और जंगल मिलकर एक खूबसूरत काव्य पेश करते हैं।

मणिपुर के दर्शनीय और पर्यटन स्थल की जानकारी | Manipur Tourism in Hindi

मणिपुर के दर्शनीय और पर्यटन स्थल – Manipur Tourism Place in Hindi 

मणिपुर की जमीन से जुड़े कई मिथक है। पौराणिक कथा कहती है कि भगवान नाच रहे थे और उनकी खुशी का ही नतीजा है मणिपुर की जमीन। इस अवधारणा को मणिपुर के खूबसूरत लोकनृत्यों के जरिए जिंदा रखने की कोशिश हो रही है। मणिपुर को आभूषणों की भूमि भी कहा जाता हैं यहाँ के लोग मार्शल आर्ट्स, नृत्य, और मूर्तिकला बड़ी रुची रखते हैं और औसमे वो प्रावीण्य हैं।

मणिपुर का इतिहास काफी परिवर्तनशील तथा गौरवपूर्ण रहा है, यह माना जाता है कि पारबंगा नामक साहसी व्यक्ति ने इस भू-भाग पर शासन किया तथा एक बड़े राजवंश की स्थापना की। सन् 1074 में लोईयाम्बा नाम के राजा ने शासन तंत्र को काफी हद तक मजबूत बनाया। बाद के वर्षों में काबब राजाओ में मणिपुर घाटी के दक्षिण-पूर्वी भाग को अपने राज्य में मिलाने का प्रयास किया। सन् 1470 काबब घाटी मणिपुर का अंग बन गयी। सन् 1542 में राज्य का विस्तार किया गया। सन् 1762 में मणिपुर के राजा ने बर्मी लोगो की बढ़ती हुई घुसपैठ से छुटकारा पाने के लिये ब्रिटिश शासको के साथ सन्धि की। 1891 में अंग्रेजों और मणिपुर के बीच हुए युद्ध के बाद यह राज्य ब्रिटिश शासन के अधीन आया। 1947 में आजादी के बाद इस राज्य का भारतीय संघ में विलय हुआ और 1972 में पूर्ण राज्य बना।

मणिपुर राज्‍य, उत्‍तर में नागालैंड, दक्षिण में मिजोरम, पश्चिम में असम और पूर्व में वर्मा की सीमा से जुड़ा हुआ है। कई लोग इस बात को सुनकर आश्‍चर्यचकित हो जाते हैं कि पोलो खेल की उत्‍पत्ति इम्‍फाल में हुई थी। इस जगह कई प्राचीन अवशेष, मंदिर और स्‍मारक हैं। इम्‍फाल में द्वितीय विश्‍व युद्ध के इम्‍फाल के युद्ध और कोहिमा के युद्ध का उल्‍ल्‍ेख मिलता है। यह स्‍थल यहां आने वाले पर्यटकों को मणिपुर के साथ जोड़ता है।

मणिपुर पर्यटन का सबसे अह्म पहलू चंदेल है जो एक जिला और शहर है, साथ ही इसे म्‍यांमार के लिए प्रवेश द्वार भी माना जाता है। चंदेल और तामेंगलांग में चारों तरफ वनस्‍पतियों और जीवों की विविध प्रजातियां पाई जाती हैं। चंदेल में मोरेह, मणिपुर के व्‍यावसायिक केंद्र होने के लिए होता है। तामेंगलांग में ऑरेंज महोत्‍सव, यहां के स्‍थानीय निवासियों और आने वाले पर्यटकों के बीच फल उत्‍सव के रूप में जाना जाता है, जो आंगतुकों के लिए खासा आकर्षण है।
सेनापति में कई छोटे – छोटे गांव हैं जो इस क्षेत्र को पर्यटन के लिए विशिष्‍ट बनाते हैं। माराम खुलेन, मक्‍खेल और इतिहास में दर्ज यांगखुल्‍लेन चोटी, माओ मणिपुर राज्‍य के लिए प्रवेश द्वार हैं। वहीं पुरूल, ताऊटो की भूमि है जो राज्‍य का लोकप्रिय खेल है।

इस जगह का आकर्षण सामान्य जलवायु के साथ हरियाली है जो इसे पर्यटकों के स्वर्ग बनाता है। इसलिए इसे भारत का आभूषण और पूरब का स्विज़रलैंड भी कहा जाता हैं। मन लुभाने वाले प्राकृतिक दृश्यों, में पहाड़ियों पर छाई हरियाली, विलक्षण फूल-पौधे, लहराती नदियां, शामिल है। इन सबके अलावा पर्यटकों के लिए कई आकर्षण हैं जो राज्य में पर्यटन के विकास के लिए उत्कृष्ठ अवसर प्रदान करता हैं।

जिसमे इम्फाल में कांग्ला पार्क, खारीम बंद बाजार युद्ध कब्रिस्तान, श्री गोविंद जी मंदिर, शहीद मीनार, नुपी सान (महिलाओं का युद्ध) मेमोरियल कॉम्लेार क्सा, सेंड्रा,खोंघापत उद्यान, आईएनए मेमोरियल (मोइरांग), कीबुल लामजो राष्ट्रीय उद्यान, विष्णुपुर स्थित विष्णु मंदिर, उख्रुल की पहाड़ियां, मोरेह सिराय गांव, सिराय की पहा‍ड़ियां, डूको घाटी, राजकीय अजायबघर, कैना पर्यटक निवास, खोंगजोम वार मेमोरियल आदि मणिपुर के कुछ महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है।

लोकतक झील, दुनिया की सबसे बड़ी बहने वाली झीलों में से एक है और इसमें तैरने वाले द्वीपों के कारण यह मणिपुर के बिश्‍नुपुर में एक पर्यटन आकर्षण है। इन द्वीपों पर मछुआरे अस्‍थायी रूप से निवास करते हैं। लोकतक झील पर सेन्‍द्रा द्वीप एक पिकनिक स्‍पॉट है जहां सैर के लिए अवश्‍य जाना चाहिए। यहां केईबुल लाम्‍जाओ राष्‍ट्रीय पार्क भी है जहां संगाई हिरण पाएं जाते हैं और इस पार्क के पास में ही एक झील भी बहती है।

कैसे पहुंचे –

मणिपुर में जाने के लिए चाहे वह पर्यटक हो या उनका जन्म यहीं पर हुआ हो, प्रतिबंधित क्षेत्र का परमिट लेना आवश्यक होता है। यह परमिट मुख्य महानगरों में स्थित क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय से मिलता है। यह परमिट दस दिन तक ही वैध होता है।

मणिपुर की राजधानी इम्फाल में एक विमानतल है। इम्फाल का विमानतल दिल्लीए कोलकाता और गुवाहाटी जैसे भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इंडियन एयरलाइंस की इस शहर और पूर्वोत्तर भारत के अन्य शहरों में नियमित उड़ानें हैं। मणिपुर राज्य का रेलवे स्टेशन मोदपुर में है, जहां देश के कई हिस्सों से ट्रेनें पहुंचती हैं। इसके अलावा गुवाहाटीए दीमापुरए सिलचर जैसे पूर्वोत्तर के शहरों में भी रेलवे स्टेशन हैं। मणिपुर में सड़क नेटवर्क बहुत अच्छा है। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 39 मणिपुर को गुवाहाटीए दीमापुरए कोहिमाए सिलचर जैसे पूर्वोत्तर भारत के अन्य बड़े शहरों से जोड़ता है।


और अधिक लेख –

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *