हिचकी आने के कारण और घरेलु उपचार Hiccups Treatment in Hindi

यूं तो हिचकी (Hiccup) आना आम बात है और यह कभी भी कहीं भी आ सकती है। फिर भी लगातार हिचकी (Hichki) आना भी एक तरह से बीमारी है। अगर सामान्य उपायों के बाद भी हिचकी ना रूक रही हो, तो डॉक्टर से राय कर लेना बेहतर होता है। छाती और पेट के बीच एक मांसपेशी होती है, जिसे डायफ्राम कहते हैं। डायफ्राम इन दोनों हिस्सों को अलग करती है और सांस लेने की प्रक्रिया में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब कभी किसी वजह से डायफ्राम सिकुड़ती है, तो फेफड़े तेजी से हवा अंदर खींचते हैं और सांस लेने में द़िक्क़त होने लगती है, जिससे हिचकी (Hichki) शुरू हो जाती है। आइये जाने हिचकी के घरेलु इलाज (hichki rokne ke upay) ..

हिचकी आने के कारण और घरेलु उपचार Hiccup Treatment in Hindiहिचकी आने के कारण – Causes of Hiccup in Hindi

हिचकी (Hichki) को लेकर काफ़ी अंधविश्‍वास है. कई लोग मानते हैं कि हिचकी आने का मतलब उन्हें कोई याद कर रहा है और याद करनेवाले व्यक्ति का नाम लेने से हिचकी रुक जाएगी। ये बेकार बातें हैं। हिचकी आने के कई और कारण है…

  • ज्यादा चिंता, तनाव या ग़ुस्से की वजह से भी हिचकी आ सकती है।
  • ख़ून की कमी, रक्तस्राव, गैस्ट्रिक समस्या से हिचकी हो सकती हैं।
  • जल्दी-जल्दी भोजन निगलने या तेल मसालेदार भोजन का सेवन करने के कारण।
  • ज़्यादा खाने से या अल्कोहल का सेवन से।
  • जोर-ज़ोर से हँसने के कारण भी।
  • कुछ दवाइयों का साइड इफेक्ट या हानिकारक धुआं के कारण भी
  • नींद ना आने की परेशानी
  • कार्बोनेटेड युक्त पेय पदार्थों को पीना।
  • ठण्डी जगह पर रहने से

हिचकी रोग के प्रकार – Types of Hiccup in Hindi

आयुर्वेद के अनुसार हिचकी के पांच प्रकार हैं-

  • महाहिक्का- इसमें अधिक तेजी से हिचकी (hichki) आती है।
  • महा-गम्भीरा- गंभीर आवाज के साथ हिचकी आना ।
  • व्येपता हिक्का- हिचकी लगातार ना आकार रुक-रुक कर आती है।
  • अन्नजा हिक्का- प्रायः छीक के साथ धीमी आवाज के साथ होती है। यह जलपान करने या भोजन करने से या कभी-कभी अपने आप ही दब जाती है।
  • क्षुद्रा हिक्का- थोड़ी देर के लिए आती है और फिर शांत हो जाती है।

हिचकी के घरेलु उपचार – Hichki ka Gharelu Ilaj in Hindi

तीन काली मिर्च थोड़ी सी चीनी या मिश्री का एक टुकड़ा मुंह में रखकर चबाएं और उनका रस चूसे। चाहे तो एक दो घूंट पानी भी पी सकते हैं। इससे तत्काल हिचकी गायब हो जाएगी।

गिलोय और सोंठ का महीन संभाग चूर्ण लेकर उसे नसवार की तरह

मिश्री के साथ 1 ग्राम छोटी पीपली का चूर्ण लेने से हिचकी बंद हो जाती है।

पुदीने के हरे पत्ते या नींबू चूस लेने पर हिचकी बंद हो जाती है।

जब भी हिचकी की समस्या से परेशान हो तो तुरंत चॉकलेट पाउडर की एक चम्मच खा लें। इसे खाने से थोड़ी देर में हिचकी ठीक हो जाएगी।

केले की जड़ पीस-छानकर रस निकाल ले इस रस को सुघने से हिचकी बंद हो जाती है।

सेंधा नमक को पानी में पीसकर सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है।

सोंठ को गुड में मिलाकर सूंघने से हिचकी में आराम मिलता है।

सिरके का खट्टा स्वाद भी हिचकी को ग़ायब करने में मददगार होता है. एक चम्मच सिरका काफ़ी है।

चूल्हे की जली हुई गरम मिट्टी सूंघने से हिचकी रुक जाती है।

अदरक के 12 टुकड़े मुंह में रखकर चूसे हिचकी रुक जाएगी।

मुलहटी का महीन चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी बंद हो जाती है।

पुदीने के 10 – 12 पत्ते और एक चम्मच शक्कर मुंह में डाल ले। उन्हें चलाते हुए उनका रस् चूसे। हिचकी बंद हो जाएगी।

चित लेटकर गहरी साँस ले। थोड़ी देर रूक कर छोड़ दें। ऐसा 10 15 बार करें। अपना ध्यान सांस के खींचने रोकने और छोड़ने पर रखे। हिचकी बंद हो जाएगी।

बड़ी इलायची को पीसकर मिश्री या शहद के साथ चाटने से हिचकी रुक जाती है।

नींबू में सेंधा नमक लगाकर चाटने से हिचकी रुक जाती है।

काला नमक, सेंधा नमक और सांभर नमक तीनों को मुंह में डालकर चूसने से हिचकी तुरंत रुक जाती है।

हिचकी आने पर तुरंत एक चम्मच चीनी का सेवन करें। इससे थोड़ी देर में ही हिचकी आना बंद हो जाएगी। घोल में चुटकी भर नमक भी मिला दे और इस पानी को थोड़ा-थोड़ा और धीरे-धीरे पीए। सीप कर पीने से हिचकी थोड़ी देर मे बंद हो जाती है।

जानकारों के मुताबिक उल्टी गिनती करने और अचानक उस व्यक्ति को डराने से भी सामान्य हिचकी ठीक हो जाती है। उल्टी गिनती का मतलब से 100 से 1 की तरफ गिनती करना।

हिचकी आने पर तुरंत टमाटर को धो कर दांतों से काट कर खाएं हिचकी ठीक हो जाएगी। साथ ही जब हिचकी आए तो एक चम्मच पीनट बटर लें और खाएं। इससे सांस लेने की प्रक्रिया में बदलाव होगा और हिचकी बंद हो जाएगी।

आप इन तरीको से जल्दी हिचकी ठीक कर सकते हैं – Home Remedies for Hiccups in Hindi

अगर आपको हिचकी आइये और तुरंत इलाज करना चाहते हैं, ये सिंपल तरीको को आजमा सकते हैं.

  • एक गि‍लास ठंडा पानी पिएं – हिचकी आने पर तुरंत ठंडा पानी पिया जाए तो यह रुक जाती है। कुछ लोग का मानना है कि पानी पीते समय आपको अपनी नाक भी बंद करनी चाहिए। वहीं गि‍लास को घुमाकर दूसरे छोर से पानी पीना भी बेहतर होता है।
  • कुछ पल के लिए रोकें सांस – एक और तरीका यह हैं की, जब हिचकी आए तो अपनी सांसों को कुछ पल के लिए रोक लेना चाहिए. यह बहुत ही पुराना नुस्खा है और इससे हिचकी रोकने में मदद भी खूब मिलती है।
  • अपने घुटनों को छाती तक लाएं – जैसे ही हिचकी आए आप तुरंत बैठ जाएं और अपने घुटनों को सीने तक ले आएं। इससे फेफड़ों पर दबाव पड़ता है और मांशपेशियों की सिकुड़न भी दूर होती है।
  • पेपर बैग में सांस लें – इसके आलावा पेपर बैग में दस बार सांस अंदर लेने और छोड़ने से भी हिचकी रुक जाती है।

डॉक्टर के पास कब जाएं – 

यदि हिचकी पिछले कई घंटों से लगातार हो रही हो और इसके होने से आपको खाने, सोने या सांस लेने में परेशानी हो रही हो, तो इस स्थिति में आपको डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज कराना चाहिए।


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