Goga Medi Temple / गोगामेड़ी मंदिर राजस्थान के हनुमानगढ़ में स्थित है। इस मंदिर में सावन पूर्णिमा के आरम्भ में साल में एक बार गोगामेड़ी मेला लगता है। यह मंदिर एक ऊंचे टीले पर बना है। मंदिर के मध्य में गोगाजी की समाधि है। गोगाजी के मन्दिर में समाधि पर गोगाजी की घुड़सवार मूर्ति उत्कीर्ण है।
गोगामेड़ी मंदिर की जानकारी – Goga Medi Temple Information & History in Hindi
गोगामेड़ी मंदिर हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों के लोग पूजा के लिए आते हैं। यह मंदिर गोगाजी को समर्पित हैं जिन्हे जाहरवीर के भी नाम से जाना जाता हैं। यहां हर साल भाद्रप्रद मास के शुक्लपक्ष में मेला भरता है जो एक महीने तक जारी रहता है। इस मेले में हर साल काफ़ी संख्या में भक्तगण आते हैं।
साम्प्रदायिक सद्भाव की अनूठा मिसाल इस मंदिर में एक हिन्दू व एक मुस्लिम पुजारी हमेशा रहता है। यह मंदिर राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गोगामेडी गांव में स्थित हैं। गोगाजी को सांपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है।
यह मंदिर एक ऊंचे टीले पर बना है। भक्तजन गुरु गोरक्षनाथ के टिल्ले पर जाकर शीश नवाते हैं, फिर गोगाजी की समाधि पर आकर धोक देते हैं। इस मंदिर का निर्माण बादशाह फिरोजशाह तुगलक ने कराया था। गोगा भक्त पीले वस्त्र धारण करके अनेक प्रदेशों से यहां आते हैं। सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश व बिहार के भक्तों की होती है।
गोगाजी का जन्म राजस्थान के ददरेवा (चुरू) चौहान वंश के राजपूत शासक जैबर (जेवरसिंह) की पत्नी बाछल के गर्भ से गुरु गोरखनाथ के वरदान से भादो सुदी नवमी को हुआ था। विद्वानों व इतिहासकारों ने उनके जीवन को शौर्य, धर्म, पराक्रम व उच्च जीवन आदर्शों का प्रतीक माना है।
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