Bom Jesus Church Daman / बॉम जीजस गिरजाघर दमन और दीव के मोती दमन में स्थित एक प्रसिद्ध गिरजाघर है। इस गिरजाघर को सन् 1500 के लगभग बनवाया गया था। 1603 में इसका पुनर्निर्माण हुआ था। बॉम जीजस गिरजाघर में लकड़ी की बहुत सुंदर कारीगरी की गई है। इस गिरजाघर की दीवारों पर की गई चित्रकारी भी काफ़ी आकर्षक है। इन चित्रों में ईसा मसीह को चित्रित किया गया है।
बॉम जीजस गिरजाघर का इतिहास और जानकारी – Bom Jesus Church Daman History in Hindi
यह चर्च मोती दमन में स्थित है। इसका निर्माण कार्य 1559 में शुरू किया गया था और 1603 में इसका अभिषेक किया गया। पुर्तगाली जब यहां शुरू-शुरू में आए थे तब यह चर्च सिर्फ पादरियों का धार्मिक स्थल हुआ करता था।
यह चर्च उस समय के पर्तगाली कारीगरों के शानदार वास्तुकला और उत्कृष्ट शिल्पकारिता का बेहतरीन नमूना है। इसमें इस्तेमाल की गई जटिल पुर्तगाली और रोमन शैली की वास्तुशिल्पीय डिजाइन अपने आप में अनूठी है। इस चर्च की मुख्य विषेशताओं में लकड़ी से बनी सुनहरे रंग की वेदी, कलात्मक ढंग से नक्काशीयुक्त दरवाजे, अंदरूरी हिस्से में की गई अलंकारपूर्ण डिजाइन, विशाल भीतरी छत पर जड़े बेशकीमती पत्थर और शीमम की लकड़ी पर किए गए काम शामिल हैं।
इस गिरजाघर में छह संतों की प्रतिमाएँ हैं। इसे रोमन कैथोलिक वास्तुशिल्प की एक खास परंपरा से शानदार तरीके से गढ़ा गया है। ऐसी कई विशेषताएं ही चर्च ऑफ बोम जीजस को इस क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल की श्रेणी में ला खड़ा करती है। यहां आसपास और दूर दराज के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालू भी आते हैं।
बॉम जीजस गिरजाघर के पास सत्य सागर उद्यान भी है। इस उद्यान में शाम के समय घूमने का एक अलग ही मजा है।
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