भगत सिंह के क्रन्तिकारी अनमोल विचार | Bhagat Singh Quotes in Hindi

Bhagat Singh Quotes & Thoughts in Hindi / भगत सिंह भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। भगतसिंह ने देश की आज़ादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया, वह भुलाया नहीं जा सकता। इन्होंने केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें 23 मार्च 1931 को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया। आइये जाने भगत सिंह के अनमोल विचार..

bhagat singh quotes in hindi

 भगत सिंह का एक संक्षिप्त परिचय – Bhagat Singh in Hindi

पूरा नामभगत सिंह (Bhagat Singh)
जन्म दिनांक28 सितंबर, 1907
जन्म स्थानलायलपुर, पंजाब
मृत्यु तिथि 23 मार्च, 1931
मृत्यु स्थान लाहौर, पंजाब
पिता का नामसरदार किशन सिंह
माता का नामविद्यावती
भाई – बहनरणवीर, कुलतार, राजिंदर, कुलबीर, जगत, प्रकाश कौर, अमर कौर, शकुंतला कौर
शिक्षाबारहवीं
नागरिकताभारतीय
जेल यात्राअसेम्बली बमकाण्ड (8 अप्रैल, 1929)

भगत सिंह के अनमोल विचार – Bhagat Singh Quotes in Hindi

Quote 1). किसी को “क्रांति” शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस शब्द का उपयोग या दुरूपयोग करते हैं उनके फायदे के हिसाब से इसे अलग अलग अर्थ और अभिप्राय दिए जाते है।

Quote 2). आम तौर पर लोग जैसी चीजें हैं उसके आदी हो जाते हैं और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं हमें इसीनिष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की जरूरत है

Quote 3). जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।

Quote 4). ज़रूरी नहीं था की क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो। यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था।

Quote 5). प्रेमी, पागल, और कवी एक ही चीज से बने होते हैं।

Quote 6). मेरा धर्म देश की सेवा करना है

Quote 7). देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं

Quote 8). राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है।

Quote 9). यदि बहरों को सुनना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा। जब हमने बम गिराया तो हमारा धेय्य किसी को मारना नहीं था। हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था। अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और उसे आज़ाद करना चहिये।

Quote 10). मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्त्वाकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ। पर मैं ज़रुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ, और वही सच्चा बलिदान है।

Quote 11). सूर्य विश्व में हर किसी देश पर उज्ज्वल हो कर गुजरता है परन्तु उस समय ऐसा कोई देश नहीं होगा जो भारत देशके सामान इतना स्वतंत्र, इतना खुशहाल, इतना प्यारा हो।

Quote 12). किसी ने सच ही कहा है, सुधार बूढ़े आदमी नहीं कर सकते । ते तो बहुत ही बुद्धिमान और समझदार होते हैं । सुधार तो होते हैं युवकों के परिश्रम, साहस, बलिदान और निष्ठा से, जिनको भयभीत होना आता ही नहीं और जो विचार कम और अनुभव अधिक करते हैं।

Quote 13). ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती हे… दूसरो के कन्धों पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं।

Quote 14). मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।

Quote 15). निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।

Quote 16). क्रांति मानव जाती का एक अपरिहार्य अधिकार है। स्वतंत्रता सभी का एक कभी न ख़त्म होने वाला जन्म-सिद्ध अधिकार है। श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है।

Quote 17). अहिंसा को आत्म-बल के सिद्धांत का समर्थन प्राप्त है जिसमे अंतत: प्रतिद्वंदी पर जीत की आशा में कष्ट सहा जाता है। लेकिन तब क्या हो जब ये प्रयास अपना लक्ष्य प्राप्त करने में असफल हो जाएं ? तभी हमें आत्म -बल को शारीरिक बल से जोड़ने की ज़रुरत पड़ती है ताकि हम अत्याचारी और क्रूर दुश्मन के रहमोकरम पर ना निर्भर करें।

Quote 18). इन्सान तभी कुछ करता है जब उसे अपने कार्य का उचित होना सुनिश्चित होता है, जैसा की हम विधान सभा में बम गिराते समय थे। जो मनुष्य इस शब्द का उपयोग या दुरुपयोग करते हैं उनके लाभ के हिसाब के अनुसार इसे अलग-अलग अर्थ और व्याख्या दिए जाते हैं।

Quote 19). क़ानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।

Quote 20). व्यक्तियो को कुचल कर, वे विचारों को नहीं मार सकते।

Quote 21). क्रांतिकारी सोच के दो आवश्यक लक्षण है – बेरहम निंदा तथा स्वतंत्र सोच।

Quote 22). दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उलफत, मेरी मिट्‌टी से भी खुशबू-ए वतन आएगी।

Quote 23). अपने दुश्मन से बहस करने के लिये उसका अभ्यास करना बहोत जरुरी है।

Quote 24). इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे।

Quote 25). किसी भी कीमत पर बल का प्रयोग ना करना काल्पनिक आदर्श है और नया आन्दोलन जो देश में शुरू हुआ है और जिसके आरम्भ की हम चेतावनी दे चुके हैं वो गुरु गोबिंद सिंह और शिवाजी, कमाल पाशा और राजा खान, वाशिंगटन और गैरीबाल्डी, लाफायेतटे और लेनिन के आदर्शों से प्रेरित है।

Quote 26). जो व्यक्ति भी विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमे अविश्वास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी।

Quote 27). एक धर्म मे गाय का बलिदान ज़रूरी है और दूसरे धर्म मे गाय की पूजा लिखी हुवी है. अब क्या हो? पीपल की शाखा कटते ही धर्म मे अंतर आ जाता है। तो क्या किया जाये? तो यही फिलोसफी व रस्मो- रिवाज के छोटे-छोटे भेद बाद मे जाकर नॅशनल रिलीज़न बन जाते है और अलग-अलग संगठन बनने का कारण बनते है। परिणाम हमारे सामने है….अलग-अलग संगठन और खाने पीने का भेदभाव मिटाना ज़रूरी है। जब तक हम अपनी तंगदिली छोड़ कर एक न होंगे. तब तक हमे वास्तविक एकता नही हो सकती।

Quote 28). जिंदा रहने की ख्वाहिश कुदरती तौर पर मुझमें भी होनी चाहिए। मैं इसे छिपाना नहीं चाहता, लेकिन मेरा जिंदा रहना एक शर्त पर है। मैं कैद होकर या पाबंद होकर जिंदा रहना नहीं चाहता।

Quote 29). किसी भी इंसान को मारना आसान हैपरन्तु उसके विचारों को नहीं। महान साम्राज्य टूट जाते हैंतबाह हो जाते हैंजबकि उनके विचार बच जाते हैं।

Quote 30). यदि हमारे नौजवान इसी प्रकार प्रयत्न करते जाएंगे, तब जाकर एक साल में स्वराज्य तो नहीं, किंतु भारी कुर्बानी और त्याग की कठिन परीक्षा में से गुजरने के बाद वे अवश्य विजयी होंगे।

Quote 31). हम नौजवानों को बम और पिस्तौल उठाने की सलाह नहीं दे सकते। विद्यार्थियों के लिए और भी महत्त्वपूर्ण काम हैं। राष्ट्रीय इतिहास के नाजुक समय में नौजवानों पर बहुत बड़े दायित्व का भार है और सबसे ज्यादा विद्यार्थी ही तो आजादी की लड़ाई में अगली पांतों में लड़ते हुए शहीद हुए है। क्या भारतीय नौजवान इस परीक्षा के समय में वही संजीदा इरादा दिखाने में झिझक दिखाएंगे।

Quote 32). जैसे पुराना कपड़ा उतारकर नया बदला जाता है, वैसे ही मृत्यु है। मैं उससे डरूंगा नहीं, भागूंगा नहीं। कोशिश करूंगा कि पकड़ा जाऊं पर यूं ही नहीं कि पुलिस आई और पकड़ ले गई। मेरे पास एक तरीका है कि कैसे पकड़ा जाऊं। मौत आएगी, आएगी ही पर मैं अपनी मौत को इतनी महंगी और भारी बना दूंगा कि ब्रिटिश सरकार रेत के ढेर की तरह उसके बोझ से ढक जाए।

Quote 33). हम यह कहना चाहते हैं कि युद्ध छिड़ा हुआ है और यह लड़ाई तब तक चलती रहेगी, जब तक कि शक्तिशाली व्यक्तियों ने भारतीय जनता और श्रमिकों की आय के साधनों पर अपना एकाधिकार कर रखा है। चाहे ऐसे व्यक्ति अंग्रेज पूंजीपति हों या अंग्रेजी शासक या सर्वथा भारतीय ही हों, उन्होंने आपस में मिलकर एक लूट जारी रखी हुई है। चाहे शुद्ध भारतीय पूंजी-पतियों के द्वारा ही निर्धनों का खून चूसा जा रहा हो, तो भी इस स्थिति में कोई अंतर नहीं पड़ता।

Quote 34). मुझे दंड सुना दिया गया है और फांसी का आदेश हुआ है। इन कोठरियों में मेरे अतिरिक्त फांसी की प्रतीक्षा करने वाले बहुत -से अपराधी हैं। ये यही प्रार्थना कर रहे हैं कि किसी तरह फांसी से बच जाएं, परंतु उनके बीच शायद मैं ही एक ऐसा आदमी हूं जो बड़ी बेताबी से उस दिन की प्रतीक्षा कर रहा हूं जब मुझे अपने आदर्श के लिए फांसी के फंदे पर धूलने का सौभाग्य प्राप्त होगा। मैं खुशी के साथ फांसी के तख्ते पर चढ़कर दुनिया को दिखा दूंगा कि क्रांतिकारी अपने आदर्शों के लिए कितनी वीरता से बलिदान दे सकते हैं।


ये भी जाने :-

Please Note : – Bhagat Singh Quotes in Hindi मे दी गयी Information अच्छी लगी हो तो कृपया हमारा फ़ेसबुक (Facebook) पेज लाइक करे या कोई टिप्पणी (Comments) हो तो नीचे करे। Bhagat Singh Short Thoughts in Hindi व नयी पोस्ट डाइरेक्ट ईमेल मे पाने के लिए Free Email Subscribe करे, धन्यवाद।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *