बेंजामिन फ्रैंकलिन की जीवनी | Benjamin Franklin Biography In Hindi

Benjamin Franklin / बेंजामिन फ्रैंकलिन एक अमेरिकन वैज्ञानिक, आविष्कारक, लेखक और संयुक्त राज्य अमेरिका के संस्थापक जनकों में से एक थे। एक वैज्ञानिक के रूप में, बिजली के सम्बन्ध में अपनी खोजों और सिद्धांतों के लिए वे प्रबोधन और भौतिक विज्ञान के इतिहास में एक प्रमुख शख्सियत रहे। उन्होंने लाइटिंग कंडक्टर, बाईफोकल्स, फ्रैंकलिन स्टोव, एक गाड़ी के ओडोमीटर और ग्लास ‘आर्मोनिका’ का आविष्कार किया।

बेंजामिन फ्रैंकलिन की जीवनी | Benjamin Franklin Biography In Hindiबेंजामिन फ्रैंकलिन – Benjamin Franklin Biography in Hindi 

नाम बेंजामिन फ्रैंकलिन (Benjamin Franklin)
जन्म दिनांक 17 जनवरी, 1706
जन्म स्थान बॉस्टन, मैसाचुसेट्स, अमेरिका
पिता का नाम जोशिया फ्रैंकलिन
माता का नाम अबिआह फोल्गर
राष्ट्रीयता अमेरिकन
शिक्षा बोस्टन लैटिन स्कूल
पत्नी देबोराह
संतान फ्रांसिस
उल्लेखनीय कार्य लाइटिंग कंडक्टर का अविष्कार
मृत्यु 17 अप्रैल, 1790

प्रारंभिक जीवन – Early Life of Benjamin Franklin

बेंजामिन फ्रेंकलिन का जन्म, बॉस्टन, मैसाचुसेट्स, के मिल्क स्ट्रीट पर 17 जनवरी, 1706 को हुआ था। उनके पिता जोशिया फ्रैंकलिन साबुन और मोमबत्ती बनाने का कार्य करते थे। जोशिया के 17 बच्चे थे, बेंजामिन पन्द्रहवें बच्चे और सबसे छोटे बेटे थे। बेंजामिन के पिता चाहते थे कि वे, पादरी के साथ स्कूल जाए लेकिन उनके पास उन्हें दो साल के लिए ही स्कूल भेजने लायक पैसे थे। वे बॉस्टन लैटिन स्कूल गए, लेकिन स्नातक नहीं किया।

उन्होंने अपनी शिक्षा घर पर ही जारी रखी। 12 वर्ष की उम्र में ही अपने भाई जेम्स फ्रैंकलिन के प्रिंटिंग प्रेस में एक प्रशिक्षु के रूप में उन्होंने कार्य करना शुरू कर दिया। भाइयों में विवाद होने के बाद बेंजामिन न्यूयार्क होते हुए 1723 में फिलाडेल्फिया पहुंचे। तमाम उतार- चढ़ाव के बाद उन्होंने अपना प्रिंटिंग प्रेस स्थापित किया और ‘द पेंसिलवैनिया गजट’ का प्रकाशन आरम्भ किया।

Benjamin Franklin Career in Hindi

फ्रेंकलिन, एक अखबार के संपादक, मुद्रक और फिलाडेल्फिया में व्यापारी बन गए, जहां पुअर रिचार्ड्स ऑल्मनैक और द पेन्सिलवेनिया गजेट के लेखन और प्रकाशन से वे बहुत अमीर हो गए। फ्रेंकलिन की विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिलचस्पी थी और अपने प्रसिद्ध प्रयोगों के लिए उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की।

फिलाडेल्फिया में ही उन्हें देबोराह से मुलाकात हुई और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे। 1724 में लंदन जाने के बाद 1726 में फ्रेंकलिन फ़िलेडैल्फ़िया वापिस आ गए। बाद में उन्होंने देबोराह से शादी कर ली। उनके पहले बेटे का जन्म 1732 में हुआ, जिसका नाम फ्रांसिस था।

बेंजामिन फ्रैंकलिन चर्चा में तब आए जब वो अपने अख़बार के जरिए अमेरिका पर ब्रिटिश नियंत्रण की आलोचना करने के लिए मशहूर हो गए। दरासल उस समय अमेरिका में अंग्रेज़ों की 13 कलोनियां थी, जिन पर इंग्लैंड का नियंत्रण था। इंग्लैंड बेवजह के टैक्सों से इन्हें परेशान कर रहा था।

जब अमेरिका की 13 कलोनियों ने मिलकर ब्रिटिश नियंत्रण के खिलाफ युद्ध छेड़ा तो उस में पेनसिलवेनिया कलोनी का प्रतिनिधि फ्रैंकलिन को बनाया गया। कलोनियों ने युद्ध जीत लिया और अमेरिका एक अलग देश बन गया।

वे एक कुशल प्रशासक भी थे। उन्होंने 1732 में प्रसिद्द ‘पुअर रिचर्ड्स एलमैनक’ जारी किया। 1758 में उन्होंने ‘एलमैनक’ में स्वयं के लेखों का प्रकाशन रोक दिया। उन्होंने उसमें ‘फादर अब्राहम सरमन’ को छापना प्रारम्भ किया, जिसे औपनिवेशिक अमेरिका में साहित्य का प्रसिद्द हिस्सा माना जाता है। इसके साथ राजनीति में उन्होंने अपनी छवि एक कुशल प्रशासक की स्थापित की।

अमेरिका की आज़ादी के घोषणा पत्र का मसौदा तैयार करने वाले 5 व्यक्तिों में से एक फ्रैंकलिन ही थे। अमेरिकी आज़ादी के युद्ध के अंत को अमेरिका के पक्ष में करने का श्रेय भी फ्रैंकलिन को ही जाता है। युद्ध का अंत पैरिस की संधि के साथ हुआ था जिसमें बेंजामिन फ्रैंकलिन फ्रांस की सेना को अपने साथ लाने में कामयाब हो गए और इससे दबाव में आकर इंग्लैंड को अमेरिकी आज़ादी को मान्यता देनी पड़ी।

बेंजामिन फ्रैंकलिन एकलौते ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने अमेरिका की स्थापना के 4 महत्वपुर्ण दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किए हैं। यह दस्तावेज़ हैं – आज़ादी का घोषणा पत्र, संविधान, पैरिस की संधि, फ्रांस और अमेरिका का गठजोड़।

हालाँकि वे नौकरियों में भाई – भतीजावाद जैसे मुद्दों के कारण वह विवादग्रस्त भी रहे। इसी क्रम में 1777 में संयुक्त राज्य अमेरिका के आयुक्त (कमिश्नर) के रूप में फ़्रांस भेज दिया गया था। वहां 1785 तक रहकर उन्होंने अपने देश का कामकाज बड़ी कुशलता एवं बुद्धिमत्तापूर्वक निभाया। अंततः जब वे स्वदेश लौटे तो अमेरिका की स्वतंत्रता के लिए जार्ज वाशिंगटन के बाद उन्हें दूसरा स्थान अर्जित करने का श्रेय हासिल हुआ।

फ्रेंकलिन एक प्रसिद्द राजनेता होने के बावजूद, वे कुशल वैज्ञानिक भी थे। उन्होंने यह सिद्ध किया था कि आकाशीय बिज़ली (lightning), बिजली (electricity) ही होती है। उन्होंने तड़ित चालक (lighting rod) की खोज़ की थी जो ऊँची इमारतों को आकाशीय बिज़ली से बचाती है। इसके आलावा उन्होंने और भी कई अविष्कार किये।

उनके अविष्कारों में तड़ित चालक (lighting rod) सबसे पॉपुलर हैं। इसमे धातु की बनी एक छड़ ली जाती है और इस छड़ का उपरी नुकीला सिरा मकान की छत के ऊपर रहता हैं जबकि दूसरा सिरा जमीन में गाड़ दिया जाता है। जब तड़ित बादल मकान के ऊपर से जाते है, तब बिजली मकान से ना टकराकर उस छड़ के द्वारा जमीन में चली जाती है। बेंजामिन फ्रेंकलिन के इस आविष्कार से विधुत तड़ित के द्वारा मकानों को नुकसान होने बचा लिया गया।
तड़ित चालक जिसको फ्रेंकलिन छड़ कहा जाता था।

17 अप्रैल, 1790 को उनका देहावसान हुआ। विज्ञानं और राजनीती की सेवा में अपनी अलग ही छाप छोड़ने वाले इस महान वैज्ञानिक को सदैव यद् किया जायेगा।

फ्रैंकलिन दस प्रथा के भी खिलाफ थे, उन्होंने अपने अंतिम समय में अपने सभी गुलामों को आज़ाद कर दिया था और दास प्रथा का जमकर विरोध किया। वे अपने किसी भी आविष्कार का पेटेंट नही करवाया था ताकि लोग उनके आविष्कारों का फ्री में लाभ उठा सकें।

फ्रेंकलिन को अमेरिकी मूल्यों और चरित्र के आधार निर्माता के रूप में श्रेय दिया जाता है, जिसमें बचत के व्यावहारिक और लोकतांत्रिक अतिनैतिक मूल्यों, कठिन परिश्रम, शिक्षा, सामुदायिक भावना, स्व-शासित संस्थानों और राजनीतिक और धार्मिक स्वैच्छाचारिता के विरोध करने के संग, प्रबोधन के वैज्ञानिक और सहिष्णु मूल्यों का समागम था। हेनरी स्टील कोमगेर के शब्दों में, “फ्रैंकलिन में प्यूरिटनवाद के गुणों को बिना इसके दोषों के और इन्लाईटेनमेंट की प्रदीप्ति को बिना उसकी तपिश के समाहित किया जा सकता है।”

वाल्टर आईज़ेकसन के अनुसार, यह बात फ्रेंकलिन को, “उस काल के सबसे निष्णात अमेरिकी और उस समाज की खोज करने वाले लोगों में सबसे प्रभावशाली बनाती है, जैसे समाज के रूप में बाद में अमेरिका विकसित हुआ।”

फ्रेंकलिन का हमेशा कहना था – “काम ऐसे करो मानो सैकड़ों साल जीना है और प्रार्थना ऐसे करो मानो कल ही ज़िन्दगी का अंत है”।


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