Alexander Graham Bell /ऐलेक्ज़ैन्डर ग्राहम बेल 19वी सदी में जन्मे एक स्कॉटिश वैज्ञानिक, अविष्कारक, इंजिनियर और प्रवर्तक थे। उन्हें लोग ज्यादातर टेलीफ़ोन के अविष्कार के लिए जानते हैं। हालाँकि उन्होंने इसके आलावा कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई और भी आविष्कार किए हैं। ऑप्टिकल-फाइबर सिस्टम, फोटोफोन, बेल और डेसिबॅल यूनिट, मेटल-डिटेक्टर आदि के आविष्कार का श्रेय भी उन्हें ही जाता है।
ऐलेक्ज़ैन्डर ग्राहम बेल की जीवनी – Alexander Graham Bell Biography in Hindi
सोचिये अगर आज टेलीफोन नहीं होता तो क्या होता? आज दुनिया संचार के क्षेत्र में कितने पीछे होती, मोबाइल, इन्टरनेट जैसी चीजों का तो नामोनिशान नहीं होता है। आज लोगो को एक दूसरे से जुड़े रहने टेलीफ़ोन कितना महत्वपूर्ण हो गया ये हमें बताने के जरुरत नहीं। इसका श्रेय ऐलेक्ज़ैन्डर ग्राहम बेल को जाता हैं। इन्होने और भी ऐसे अविष्कार किये जिसके बिना संचार-क्रंति की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
प्रारंभिक जीवन – Early Life Of Alexander Graham Bell
ऐलेक्ज़ैन्डर बेल का जन्म स्कॉटलैंड के एडिनबर्घ में 3 मार्च, 1847 को हुआ था। हालाँकि उनका पारिवारिक घर 16 साउथ शेर्लोट स्ट्रीट में था और यहां एक पत्थर में शिलालेख है जो इसे अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के जन्मस्थान के रूप में चिह्नित करता है। उनका बचपन बोस्टन में बिता था। उनके पिता प्रोफेसर एलेग्जेंडर मेलविल्ले बेल आवाज़ वैज्ञानिक थे इन्होने बहरे बच्चों के लिए ‘विज़िबल सिस्टम’ बनाया था, जिससे वे बोलना सीख सकें। और उनकी माता एलिजा ग्रेस थी, जो की गृहणी थी और सुन भी नहीं सकती थी। ग्राहम के 2 भाई थे, मेलविल्ले जेम्स बेल एवं एडवर्ड चार्ल्स बेल. लेकिन इनकी बीमारी के चलते कम उम्र में ही मौत हो गई थी।
ऐलेक्ज़ैन्डर ग्राहम बेल की शिक्षा –
ग्राहम की पहली गुरु उनकी माँ थी, वे बहरी जरुर थी, लेकिन वे एक बहुत अच्छी पियानोवादक और पेंटर थी। ग्राहम बेल ने प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही अपने पिता से ही ग्रहण की थी। अल्पायु में ही उन्हें स्कॉटलैंड के एडिनबरा की रॉयल हाई स्कूल में डाला गया था और 15 साल की उम्र में उन्होंने वह स्कूल छोड़ दी थी। उस समय उन्होंने पढाई के केवल 4 प्रकार ही पुरे किये थे। उन्हें विज्ञान में बहुत रूचि थी, विशेषतः जीव विज्ञान में, जबकि दुसरे विषयो में वे ज्यादा ध्यान नही देते थे। स्कूल छोड़ने के बाद बेल अपने दादाजी एलेग्जेंडर बेल के साथ रहने के लिये लन्दन चले गये थे।
जब बेल अपने दादा के साथ रह रहे थे तभी उनके अंदर पढने के प्रति अपना प्यार जागृत हुए और तभी से वे घंटो तक पढाई करते थे। युवा बेल ने बाद में अपनी पढाई में काफी ध्यान दिया था। 16 साल की उम्र में ही बेल वेस्टन हाउस अकैडमी, मोरे, स्कॉटलैंड के वक्तृत्वकला और संगीत के शिक्षक बने। इसके साथ-साथ वे लैटिन और ग्रीक के विद्यार्थी भी थे। कॉलेज की पढाई के लिए ग्राहम ने पहले यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिन्बुर्ग में गए, इसके बाद लन्दन, इंग्लैंड की भी युनिवेर्सिटी गए लेकिन ग्राहम का यहाँ पढाई में मन नहीं लगा।
टेलीफोन के अविष्कार – Alexander Graham Bell Invention in Hindi
बचपन से ही ग्राहम को इस दुनिया के प्रति एक अजीब सी जिज्ञासा थी, वे दुनिया की रचना उसके बारे में करीब से जानना चाहते थे। उन्हें विज्ञान में बहुत रूचि थी, विशेषतः जीवविज्ञान में, जबकि दुसरे विषयो में वे ज्यादा ध्यान नही देते थे। ग्रैहम की माँ, उनकी पत्नी और उनका एक दोस्त भी सुनने में असमर्थ था। इस कारण बेल लगातार भाषण और बात करने वाले उपकरणों के अविष्कार में लगे रहते थे।
उनका सबसे करीबी दोस्त बेन हेर्डमैन था, जो उनका पडोसी भी था और उनके परिवार का छत मिल भी रही थी। बेल हमेशा अपने दोस्त से पूछा करते थे की मिल में किन-किन चीजो की जरुरत पड़ती है पीसने के लिए। तब उनका दोस्त कहता था की कामगारों की सहायता से गेहू का भूसा बनाया जाता है और उसे पिसा जाता है।
मात्र 12 साल की उम्र में बेल ने घर पर ही घुमने वाले दो कठोर पहियों को जोड़कर, (जिनके बिच घर्षण हो सके) एक ऐसी मशीन बनायी जिससे गेहू को आसानी से पिसा जा सकता था। उनकी इस मशीन का उपयोग कयी सालो तक होता रहा। बदले में बेन के पिता जॉन हेर्डमैन ने दोनों बच्चो को खोज करने के लिये एक वर्कशॉप भी उपलब्ध करवायी थी।
बाद में अलेक्जेंडर अपने पिता के साथ काम करने लगे, इन्होने यहाँ ट्रांसमीटिंग टेलीफोनिक मेसेज में काम शुरू किया। इन्होने एक ऐसे पियानो का भी अविष्कार किया था जिसकी आवाज़ दूर तक सुनाई देती थी। 1873 में अलेक्जेंडर को बोस्टन के एक विश्वविद्यालय में वोकल फिजियोलोजी के लिए प्रोफेसर चुना गया।
कॉलेज में पढ़ाने के साथ साथ अलेक्जेंडर अपनी खोज जारी रखा। उस समय वे ‘हार्मोनिक टेलीग्राफ़’ पर रिसर्च कर रहे थे, उसे और बेहतर बनाने के लिए वे लगातार कड़ी मेहनत कर रहे थे। उन्होंने एक ही तार पर एक ही समय में एक साथ कई टेलीग्राफ सन्देश भेजे। इसके साथ ही इन्हें एक और विचार आया कि वे दुसरे तार पर मानव आवाज द्वारा सन्देश भेजें।
1874 में अलेक्जेंडर एक अच्छे इलेक्ट्रीशियन ‘थोमस वाटसन’ के साथ सहायक के रूप में कार्य करने लगे। ये अपने प्रोजेक्ट में लगने वाले यंत्र एवं उपकरणों का निर्माण करते थे। 10 मार्च, 1876 को ग्राहम ने दुनिया का पहला टेलीफोन कॉल किया। ग्राहम और वाटसन दो अलग अलग कमरों में काम कर रहे थे, तभी अचानक ग्राहम के उपर एसिड गिर जाता है और वे मदद के लिए वाटसन को बुलाते है।
वाटसन ग्राहम के कमरे में पहुंचते ही बोलते है कि तार के द्वारा उनकी आवाज दुसरे कमरे में भी साफ साफ सुनाइ दे रही थी। ग्राहम ये सुनते ही एसिड की जलन को भूल जाते है और ख़ुशी से झूम उठते है। इसके साथ ही दुनिया का पहला टेलीफोन कॉल सफल तरीके से हो पाया। इसके बाद वाटसन ने बेल के फ़ोनोंऑटोग्राफ में लगी धातु की एक नलिका को खिंचा। अचानक हुई इस घटना से यह भी पता चला की टेलीफोन से हम ध्वनि को भी स्थानांतरित कर सकते है।
हालाँकि उन्हें 1876 में जब इस अविष्कार को पेटेंट के लिए भेजा तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। क्यूंकि उस समय इस अविष्कार के लिए एलिशा ग्रे भी कार्य कर रहे थे। एलिशा के अविष्कार के पेटेंट के सिर्फ 2 घंटे पहले ही ग्राहम का आवेदन गया था। लेकिन इसके बाद भी एलिशा ने ग्राहम के खिलाफ याचिका दर्ज करा दी थी, कि उन्होंने उनके अविष्कार को इस्तेमाल किया है।
1877 में अमेरिका सुप्रीम कोर्ट ने ग्राहम के हक में फैसला दिया और इस तरह इस बड़े अविष्कार के रचियता बेल बन गए। इसके बाद ‘बेल टेलीफोन कंपनी’ का निर्माण किया गया। बेल को यूनाइटेड स्टेट पेटेंट ऑफिस पेटेंट नंबर 174,465 मिला। इससे उनके विचारो को भी कॉपी नही कर सकता था और वे आसानी से टेलेग्राफी तरंगो से मशीन से आवाज को स्थानांतरित कर सकते थे।
इसी साल बेल ने कैम्ब्रिज के मबेल हब्बार्ड से शादी की। लेकिन अभी भी उनकी कमाई का जरिया पढाना ही था क्योकि उस समय टेलीफोन उनके लिए ज्यादा लाभदायी नही था। बेल ने फोनोग्राफ, मेटल डिटेक्टर, मेटल जैकेट की भी खोज की और साथ ही ऑडियोमीटर की भी खोज की ताकि लोगो को सुनने में परेशानी ना हो, इसके बाद उनके नाम पर 18 पेटेंट दर्ज किये गए। उनके अविष्कारों को देखते हुए उन्हें बहुत से सम्मानों और पुरस्कारों से नवाजा भी गया था और आज भी उन्हें कयी पुरस्कार दिये जाते है।
25 जनवरी 1915 को बेल ने पहला ट्रांस-अटलांटिक फ़ोन कॉल लगाया। इसके बाद ग्राहम के सामने एक बड़ी चुनौती थी, वो यह कि कैसे ये अविष्कार अमेरिका के छोटे बड़े शहर गाँव तक पहुंचेगा. लेकिन इस महान वैज्ञानिक के लिए कुछ भी कहाँ नामुमकिन था, थोड़े ही समय में ग्राहम ने इसे पुरे अमेरिका में फ़ैलाने के लिए एक विशाल नेटवर्क का निर्माण किया। पहली बार बेल ने उपमहाद्वीप के बाहर से भी वाटसन को कॉल लगाया। इस कॉल के 38 साल पहले, बेल और वाटसन ने फ़ोन पर बात की थी। लेकिन यह कॉल उस फ़ोन से काफी बेहतर था और आवाज भी साफ़ थी।
उनके 5 और अविष्कार हैं जो पहले पन्ने पर अपनी जगह नहीं बना पाए। गेहूं से भूसी अलग करने का यंत्र, फोटोफोन का अविष्कार किया, मेटल डिटेक्टर का आविष्कार, हाइड्रोफाॅइल नाव का आविष्कार, माॅडर्न ऑडियोलॉजी इंडस्ट्री के लिए ऑडियोमीटर।
ऐलेक्ज़ैन्डर ग्राहम बेल का निधन –
2 अगस्त 1922 को 75 साल की उम्र में नोवा स्कॉटिया में डायबिटीज की वजह से उनकी मृत्यु हुई थी। ग्राहम बेल एनीमिया से भी ग्रसित थे। इनको सम्मान देने के लिए, इनके अंतिम संस्कार वाले दिन अमेरिका के सभी फोन कॉल को 1 मिनट के लिए साइलेंट कर दिया गया था। अपने पूरे जीवन के दौरान, उन्होंने अपने वैज्ञानिक ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए महान खोजे की।
- 1880 में फ़्रांस सरकार द्वारा टेलीफोन के निर्माण के लिए वोल्टा प्राइज दिया गया था।
- 1881 में फ़्रांस सरकार द्वारा ‘लीजन ऑफ़ हॉनर’ का सम्मान दिया गया।
- 1902 में इंग्लैंड की ‘सोसाइटी ऑफ़ आर्ट ऑफ़ लन्दन’ द्वारा टेलीफोन के निर्माण के लिए ‘एल्बर्ट मैडल’ से सम्मानित किया गया।
- 1907 में जॉन फ्रिट्ज मैडल दिया गया।
- 1912 में एलियोट क्रिसन मैडल दिया गया।
- 1913 में Hughes Medal दिया गया।
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