Kumara Vyasa / कुमारव्यास कन्नड़ भाषा के एक प्रसिद्ध कवि थे। इनका मूल नाम ‘नाराणप्प’ था। इन्होने हिन्दुओं के प्रसिद्ध पौराणिक ग्रंथ ‘महाभारत’ तथा ‘एरावत’ नामक दो काव्य ग्रंथ की रचना की थी।
कुमारव्यास का परिचय – Kumara Vyasa Biography in Hindi
कुमारव्यास ने महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित ‘महाभारत’ के आधार पर एक प्रबंध काव्य की रचना की थी। वेदव्यास के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने के हेतु कुमारव्यास ने अपने प्रबंध काव्य का नाम ‘कुमारव्यास भारत’ रखा। सभंवत इसी कारण नारणप्प कुमारव्यास के नाम से प्रसिद्ध हुए थे।
कुमारव्यास का जन्म 15वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में कर्नाटक के गदुगु प्रांत के ‘कोलिवाड’ नामक गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम लक्करसय्या अथवा लक्ष्मणदेव था। कहा जाता है कि लक्करसय्या विजयनगर साम्राज्य के राजा देवराय प्रथम के यहाँ कुछ समय तक सचिव के पद पर नियुक्त रहे थे। कुमारव्यास ‘भागवत संप्रदाय ‘के अनुयायी थे और गदुगु के वीरनारायण उनके आराध्य देवता थे।
इनके द्वारा रचित काव्य ग्रंथ ‘महाभारत’ तथा ‘एरावत’ थे। इनमें ‘कन्नड भारत’ अथवा ‘गदुगिन भारत’ उनकी अचल कीर्ति का आधार स्तंभ है। इनमें व्यास रचित महाभारत के प्रथम दस पर्वों की कथा भामिनिषट्पदि देशी छंद में कही गई है। इसमें उन्होंने महाभारत के मर्मस्पर्शी प्रसंगों का सजीव चित्र प्रस्तुत करने में पूरा कौशल दिखाया है।
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