Jal Mahal in Hindi/ जल महल एक सुंदर महल है जो पिंक सिटी जयपुर के मानसागर झील के मध्य स्थित है। इस महल को 18वी शताब्दी में आमेर के महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। यह महल अरावली पहाडिय़ों के गर्भ में बसा सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
जल महल जयपुर की जानकारी – Jal Mahal Jaipur Information in Hindi
जल महल को राजा – महाराजा और उनके परिवारों के लिए शिकार लॉज के रूप में बनाया गया था। अरावली पहाडिय़ों के गर्भ में स्थित यह महल झील के बीचों बीच होने के कारण ‘आई बॉल’ भी कहा जाता है। इसे ‘रोमांटिक महल’ के नाम से भी जाना जाता था। जयसिंह द्वारा निर्मित यह महल मध्यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। जलमहल अब पक्षी अभ्यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है। यहाँ की नर्सरी में 1 लाख से अधिक वृक्ष लगे हैं जहाँ राजस्थान के सबसे ऊँचे पेड़ पाए जाते हैं।
तपते रैगिस्तान के बीच बसे इस महल में गरमी नहीं लगती, क्योंकि इसके कई तल पानी के अंदर बनाए गए हैं। इस महल से पहाड़ और झील का ख़ूबसूरत नज़ारा भी देखा जा सकता है। चांदनी रात में झील के पानी में इस महल का नजारा बेहद आकर्षक होता है। दिन रात 40 माली पेड़ पौधों की देखभाल में लगे रहते हैं। यह नर्सरी राजस्थान का सबसे उंचे पेड़ों वाला नर्सरी है। यहां अरावली प्लांट, ऑरनामेंटल प्लांट, शर्ब, हेज और क्रिपर की हजारों विभिन्नताएँ मौजूद हैं।
जलमहल को आँखों को भने वाले मनमोहक रूप में बनाया गया है। पारंपरिक वृन्दावन के नाविकों ने यहाँ राजपूत शैली में लकडियो की नावो (नाव) को भी बनाया है। नाविक ही जलमहल ले जाता है। महल में बने रास्तो को भी सजाया गया है और इसके चमेली बाग़ भी देखने को मिलता है जिसकी खुशबू निश्चित ही मन मोह लेता हैं। सरोवर के आगे विशाल पर्वत देखने मिलता हैं, जिसके उपर इतिहासिक मंदिर और किले बने हुए है और सरोवर के दूसरी तरफ गुलाबी शहर जयपुर स्थित हैं। जलमहल का सबसे आकर्षक खुद सरोवर ही है।
मध्यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। इसकी उपरी मंजिल की चारों कोनों पर बुर्जो की छतरियाँ व बीच की बरादरिया, संगमरमर के स्तम्भों पर आधारित हैं।
इतिहास – Jal Mahal Jaipur History in Hindi
1596 ई. में गंभीर अकाल पडने पर तत्कालीन अजमेर के शासक ने पानी की कमी को दूर करने के लिए बांध का निर्माण करवाया था। ताकि पानी को जमा किया जा सके। बाँध को बाद में 17वीं सदी में एक पत्थर की चिनाई संरचना में परिवर्तित किया था। यूं तो जल महल का निर्माण 1799 में हुआ था। इसके निर्माण के लिए राजपूत शैली से तैयार की गई नौकाओं की मदद ली गई थी। लेकिन इस महल का जीर्णोद्धार महाराजा जयसिंह ने करवाया था। यहाँ के राजा इस महल को अपने रानी के साथ ख़ास वक्त बिताने के लिए इस्तेमाल करते थे। चांदनी रात में इस महल का ख़ूबसूरत नज़ारा झील के पानी में देखा जा सकता है। यूं तो राजा इसका इस्तेमाल रॉयल पार्टी देने के लिए भी करते थे, लेकिन यह कभी जयपुर स्टेट के राजा का घर भी हुआ करता था।
कुछ समय के लिये बने इस डैम को 17 वी शताब्दी में पत्थरो का बनाया गया। और आज यह डैम तक़रीबन 300 मीटर (980 फीट) लंबा और 28.5-34.5 मीटर (94-113 फीट) गहरा है। पानी बहाने के लिये आतंरिक 3 गेट का निर्माण भी किया गया है, ताकि जरुरत पड़ने पर खेती के लिये पानी को स्थानांतरित किया जा सके। तभी से यह डैम स्थानिक लोगो में काफी प्रसिद्ध हो गया और इसके बाद राजस्थान के बहोत से शासको ने समय-समय पर इसकी मरम्मत भी करवाई और 18 वी शताब्दी में आमेर के जय सिंह द्वितीय ने इसका पुनर्निर्माण करवाया।
जल महल की वास्तुकला – Architecture Of Jal Mahal Or Water Palace In Hindi
जल महल एक पांच मंजिला महल है, जो राजपूत वास्तुकला शैली से प्रेरित है। इस महल का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया है और इसके कोने पर चार अष्टकोणीय आकार के छत्रियां स्थित हैं। इस खूबसूरत महल की छत पर एक बगीचा है जिसे चमेली बाग कहते हैं। जल महल के नर्सरी का विकास महल की ख़ूबसूरती को बढ़ाने के लिए किया गया है। यह नर्सरी राजस्थान का सबसे उंचे पेड़ों वाला नर्सरी है। ये वृक्ष यहां के वादियों को प्रदूषण मुक्त बनाते हैं। जल महल न सिर्फ आपकी थकान मिटाता है बल्कि यह आपके उम्र में इजाफ़ा भी करता है। यहां की नर्सरी की ख़ासियत यह है कि यहां बहुत से पेड़ जो 150 साल पुराने हैं उन्हें ट्रांसप्लांट कर नया जीवन दिया गया है।
जल महल तक कैसे पहुंचे- How To Reach Jal Mahal In Hindi
जल महल राजस्थान के जयपुर शहर के केंद्र से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यहां आप शहर से ऑटो और टैक्सियों की मदद से आसानी से पहुँच सकते हैं। जयपुर शहर रेलवे, वायुमार्ग और रोडवेज से भारत के कई बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है। नजदीकी हवाई अड्डा सांगानेर हवाई अड्डा हैं। रेलवे स्टेशन की बात करे तो जयपुर रेलवे स्टेशन यहां करीब हैं।
एंट्री फीस और जाने का सही समय – Jal Mahal Timings And Entry Fees In Hindi
जल महल जाने का सबसे अच्छा समय वसंत ऋतु या फिर सर्दियों के महीनों के दौरान यानी सितंबर से मार्च तक होगा क्योंकि यह समय जयपुर शहर में छुट्टियों का आनंद लेने और यहाँ के विभिन्न स्थलों को घूमने के लिए काफी अच्छा है। सरकार द्वारा संरक्षित क्षेत्र घोषित करने के बाद जल महल में आम जनता का प्रवेश बंद कर दिया गया है। हालाँकि आप दूर से देख सकते हैं।
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