Influenza Fever / इनफ्लुएंजा (श्लैष्मिक ज्वर) एक विशेष समूह के वायरस के कारण मानव समुदाय में होनेवाला एक संक्रामक रोग है। इसमें ज्वर और अति दुर्बलता विशेष लक्षण हैं। इस तरह का फ्लू अधिकतर सर्दियों के मौसम में वायरल बीमारी के रूप में होता है। यह उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी बीमारी के कारण कम हुई हो। इन्फ्लूएंजा ज्वर होने पर यह उपचार करे –
कारण –
इनफ्लुएंजा एक संक्रामक रोग है इसलिये यह किसी दूसरे रोगी के खांसने, छींकने तथा जोर-जोर से बोलते समय जब मुंह से थूक निकलता है तो उसके बिल्कुल पास जाने तथा उस रोगी के कपड़े या रूमाल आदि का इस्तेमाल करने से फैलता है।
लक्षण –
इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को खांसी और छींकें आने लगती है तथा माथे और जोड़ों में दर्द होता है। रोगी के ‘शरीर में कमजोरी आ जाती है तथा उसे अनिद्रा की अवस्था और बुखार हो जाता है।
इन्फ्लूएंजा ज्वर का घरेलु उपचार – Influenza Fever Treatment in Hindi
⇒ इन्फ्लूएंजा बुखार होने पर तुलसीपत्र और काली मिर्च पीसकर मटर के दाने के बराबर गोरिया बना ले। दो-दो गोली दिन में तीन चार बार दे या तुलसी के पत्तों की चाय बनाकर रोगी को पिलाएं। इंफ्लुएंजा में जल्दी आराम मिलेगा।
⇒ इन्फ्लूएंजा बुखार में कायफल, नागर मोथा, कुटकी, कचूर, काकड़ा सिंगी और पाहकर मूल का समान भाग लेकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण दो या 3 ग्राम शहद के साथ दिन में दो बार देने से ‘फ्लू’ हवा हो जाता है।
⇒ चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच नींबू का रस और 20 ग्राम शहद को पानी में मिलाकर लेने से इंफ्लुएंजा ज्वर में लाभ होता है।
⇒ सुबह के समय में रोगी की हथेलियों पर तथा शाम को पैरों की तलुवों पर शक्तिशाली चुम्बक का प्रयोग करना चाहिए तथा दिन में तीन या चार बार चुम्बकित जल को दवाई की मात्रा के अनुसार पीना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति की रोगरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये औषधि के रूप में इसका सेवन दिन में दो बार करना चाहिए। जब रोगी चुम्बकित जल का सेवन करता है तो उसे इससे बहुत अधिक लाभ मिलता है तथा इसके फलस्वरूप ‘शरीर का दर्द तथा थकान में आराम मिलता है और यह महामारी की अवस्था को रोकता है। रोगी को इस बीमारी में अधिक से अधिक आराम करना चाहिए तथा पौष्टिक भोजन करना चाहिए।