धर्मराजेश्‍वर मन्दिर का इतिहास व जानकारी | Dharmrajeshwar Temple Mandsaur

Dharmrajeshwar Temple in Hindi / धर्मराजेश्‍वर मन्दिर, मध्य प्रदेश के मंदसौर में स्थित हैं। यह मन्दिर शैलोत्‍कीर्ण आदर्श की उत्‍कृष्‍ट कृति हैं। इसकी तुलना सुप्रसिद्ध एलोरा के कैलाश मंदिर से की जाती है। क्योंकि कैलाश मंदिर के समान ही ये एकाश्म शैली में बनाया गया है। 8 वीं शताब्दी में बनाए गए इस मंदिर की खासियत ये है कि चट्टान को खोखला करके ठोस प्रस्तर शिला को देवालय में बदला गया है।

धर्मराजेश्‍वर मन्दिर का इतिहास व जानकारी | Dharmrajeshwar Temple Mandsaur

धर्मराजेश्‍वर मन्दिर की जानकारी – Dharmrajeshwar Temple History in Hindi

अपनी सुन्दरता, विशालता और उत्कृष्टता के लिए मंदसौर के धर्मराजेश्वर मन्दिर प्रसिद्ध है, जो 54 मीटर लम्बी, 20 मीटर चौड़ी और 9 मीटर गहरी चट्टान को तराशकर बनाया गया हैं।

मन्दिर में द्वार-मण्डप, गर्भगृह और शिखर आदि निर्मित हैं। मध्य में एक बड़ा मन्दिर हैं, जिसकी लम्बाई 1453 मीटर तथा चौड़ाई 10 मीटर हैं, जिसका उन्नत शिखर आमलक तथा कलश से युक्त हैं। इस मन्दिर में महामण्डप की रचना उत्कीर्ण की गई है, जो पिरामिड के आकार में है। धर्मराजेश्वर मन्दिर की सुन्दर तक्षण कला अद्भुत है।

एक किंवदंती के अनुसार पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान कुछ समय यहां बिताया था और इन गुफाओं और मंदिरों का निर्माण भीम ने किया था। वहीं पुरा विशेषज्ञों और इतिहासकारों के अनुसार यह स्मारक सातवीं और आठवीं शताब्दी के आस-पास का है।

यहां बौद्ध धर्म से जुड़े स्तूप और अन्य स्मारक इसे बौद्ध भिक्षुओं की शरण स्थली बताती है। वहीं स्मारक के बीच बना मंदिर हिंदू धर्म को भी प्रदर्शित करता है। इस मंदिर की कलाकृति उत्तर भारत के मंदिरों के समान ही है।

मंदसौर में इसके आलावा भगवान पशुपतिनाथ मंदिर, नालचा माता मंदिर, गांधी सागर बांध, बुद्ध गुफा, चामुंडा माता मंदिर, यशवंतराय कोठारी की छतरी, कपिलेयवर मंदिर, अंबे माता मंदिर, नीलकंठेश्वर महादेव, मल्काना आश्रम आदि पर्यटक स्थल हैं।


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