सही समय पर सही बात रखना, सही प्रकार से कहना एक महत्वपूर्ण कला है, जो आज के प्रतियोगी दौर में आपकी सफलता में बड़ा योगदान करती है। चाहे खेल के मैदान हो या क्लास रूम या फिर आपका कार्यालय, आपको हर जगह लोगों के साथ ही काम करना होता है और लोग आपके साथ कितना सहयोग करते हैं, यह बहुत कुछ आपके व्यवहार और बातचीत पर निर्भर होता है। यदि आप समाज में अपना सर ऊँचा करके गर्व और शान से अपनी जिन्दगी व्यतीत करना चाहते हैं तो उसके लिए बढ़िया communication skills होना बहुत ज्यादा ज़रूरी है। communication skills का मतलब ही हैं अपने बात को सही डंग से करना। निचे कुछ communication skills का विकास करने के टिप्स दिए गए..
Communication क्या हैं?
कम्युनिकेशन में भिन्न तरीकों से (लिखकर, बोलकर, इशारों से) एक सेन्डर सिग्नल्स या मेसेजिस एक रिसीवर तक पहुँचाता है। इसके माध्यम से हम संबंध बनाते व बदलते हैं। मतलब की कम्युनिकेशन के कई तरीके होते हैं, जैसे किसी से बात करना हो तो उसे हम लिखकर भी बात करते हैं, इशारा से भी और बोलकर भी। इसी को कम्युनिकेशन कहते हैं।
How to Improve Communication Skills in Hindi
आप जो सोंचते हैं उसे कहने की हिम्मत रखें
आत्मविश्वास के साथ बातचीत करने की कोशिश करे। प्रतिदिन अपनी भावनाओं और विचारों को समझने के लिए कुछ समय लें ताकि आप अपने आइडियाज़ सही तरह से दूसरों को कन्वेय कर सकें। यह सोंच कर चुप न रहें कि आपकी बात ज़्यादा माने नहीं रखती है क्योंकि एक ही बात भिन्न लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकती है। यह सोचने में पूरा आत्मविश्वास रखें की जो बातचीत चल रही है उसमे आप निडर होकर अपना योगदान दे सकते हैं। कुछ लोग ऐसा सोचते हैं कि यदि वे बोलेंगे तो उनके जवाब ओ को prefer नहीं किया जायेगा. ऐसा मत सोचिये।
आँखों से संपर्क और फेस पर एक्सप्रेशन्स बनाये रखे
चाहे आप बोल रहें हो या सुन रहें हो, यदि आप व्यक्ति की आँखों में देख रहें हो जिनसे आप बात कर रहें हैं, उससे आपकी interaction कही ज्यादा सफल होती है। आई कॉन्टैक्ट करने से लगता है कि आप इंटरेस्टिड हैं। इससे दूसरे व्यक्ति को भी इंटरेस्ट लेने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
अपने फेस पर एक्सप्रेशन्स रखें और हाथों से जेस्चर्स करें। अपनी बॉडी के द्वारा बात करें। व्यक्तियों या छोटे ग्रुप्स के लिए छोटे जेस्चर्स करें। जिस ग्रुप से आप बात कर रहे हैं उसकी साइज़ के हिसाब से अपने जेस्चर्स बड़े या छोटे करें।
चेहरे के हाउ-भाव पर ध्यान रखे
आपके शब्द ,जेस्चर्स, फेस के एक्सप्रेशन्स व टोन मैच करने चाहिए। मतलब की आप जो बात कर रहे, उसी तरीका से अपना हाव-भाव रखे। किसी को मुस्करा कर डाँटने से आप जो बात कर रहे हैं वो बेकार हो जायेगी। ध्यान रखें नकारात्मक मेसिज देने लिए आपके शब्द, फेशियल एक्सप्रेशन्स व टोन गुस्से की होनी चाहिए। आपके शरीर के अंदाज़ से ही पता लग जाता है कि आपका क्या करने का मन है।
बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दे
बॉडी लैंग्वेज शब्दों से अधिक प्रभावशाली हो सकती है। रिलैक्स्ड ढंग से बाँहों को बगल में रखकर खड़ा व्यक्ति ज़्यादा मिलनसार लगता है और उससे बात कर सकते हैं। किसी से बात करते समय अपने बॉडी लैंग्वेज प्रभावशाली रखे। कहीं ऐसा तो नहीं है कि आप बोल तो कुछ रहे होते हैं और आपका बॉडी लैंग्वेज कह कुछ और रही होती है।
शब्दों का चयन
बातचीत के दौरान सही शब्दों का चयन आपके कम्यूनिकेशन स्किल्स को बेहतर बनाता है। जैसे ही आप शब्दों के चयन पर ध्यान देने लगेंगे वैसे ही लोग आपकी बातों को ध्यान से सुनना शुरू कर देंगे।
रचनात्मक भाव और विचार प्रकट करें
आपका इंटरैक्ट करने व कम्पोस करने का ढंग आपके ऐटिच्यूड पर निर्भर करेगा। सत्यवादी, ईमानदार, सहनशील, आशावादी रहें। दूसरों का आदर करें व उन्हें स्वीकार करें। उनकी भावनाओं को महसूस करें और उनकी क्षमता में विश्वास रखें।
जैसी जगह वैसी बात करे
बात करने के दौरान यह जानें कि आप किससे बात कर रहे हैं। हर किसी के साथ बात करने का तरीका अलग हो सकता है। जब आप एक बच्चे के साथ बात करते हैं तो अलग तरह के कम्यूनिकेशन का सहारा लेते हैं। वहीं ऑफिस में हमें प्रोफेशनल कम्यूनिकेशन स्किल्स का सहारा लेना होता है।
इफेक्टिव सुनने की स्किल्स विकसित करें
केवल अच्छी तरह से बोलना ही नहीं दूसरे की बात सही तरह से सुननी भी चाहिए। फिर उसी पर बात आगे बढ़ानी चाहिए। जब दूसरा व्यक्ति बोल रहा हो उसकी बात ध्यान से सुनें। इस जल्दी में न रहें कि उसकी बात खतम हो ताकि आप अपने विचार या यादें ब्लर्ट आउट कर सकें।
शब्द इस्तेमाल
यदि किसी शब्द का सही अर्थ नहीं जानते हैं उसे न इस्तेमाल करें। एक डिक्शनरी लेकर प्रतिदिन एक नया शब्द सीखने की आदत डालें। फिर उसे दिन में बातचीत के दौरान इस्तेमाल करें। साथ ही पकी वोकैब्युलरी के आधार पर लोग आपकी क्षमता का अनुमान लगायेंगे। जिन शब्दों के उच्चारण के बारे में संदेह हो उन्हें इस्तेमाल न करें। प्रतिदिन नये शब्द पढ़कर अपनी वोकैब्युलरी बढ़ायें।
प्रश्न करना
बातचीत का एक अहम पहलु होता है। इसके द्वारा हमें ज्ञान हो जाता है कि सामने वाला हमारी बातों में रुचि दिखा रहा है। सही समय पर सही प्रश्न पूछना एक बड़ा गुण है, ये दर्शाता है कि न आप एक अच्छे श्रोता है, बल्कि आप वक्ता को ध्यान से सुनकर उसका सम्मान भी करते हैं।
प्वॉइंट टू प्वॉइंट बात करे
प्वॉइंट टू प्वॉइंट बात करना आपके लिए और सामने वाले दोनों के लिए आसान होगा. इसलिए बात करते समय इस बात का खास ध्यान दें। और कभी भी अपनी खुद की बातों को नही काटे, आप जो भी बोल रहे है उसमें आपका विश्वास होना जरूरी है और आपकी बातों से ये विश्वास छलकना भी चाहिए।
हैलो शर/मैम मेरा नाम सौरभ शर्मा है। मैने एम0 कॉम0 2017 में पूरा किया है। अब मैने अपनी पारिवारिक िस्थिति की वजह से अपनी पढाई को रोक कर जॉब कर रहा हूं। मेरा 12वीं पास करने के बाद अध्यापन कार्य में बहुत मन लगता था। आैैैर मैने स्कूलों और कोचिंग सैन्टर पर पढाया भी है। पढाई के मामले में तो मैं सायद अब आगे कुछ न कर सकूं लेकिन अध्यापन कार्य में अपनी रूची बनाये रखते हुए अपने क्षेत्र में अपना सबसे अलग विषय चुनकर अपनी एक अच्छा प्रेरणादायक टयूटर बनना चाहता हूं इसके लिए मुझे कैसे शुरूआत करनी चाहिए कृृृृपया मुझे जरूर कोई सलाह दें।
मेरा ई-मेल एड्रैस है [email protected]
मेरा कॉन्टेक्ट नम्बर है: +1847698****
Iske Liye Apko Ek Bat Dhyan Rakhna Hoga, Jab Bhi Kisi Ko Padhai To Behtar Quality De, Aur Quality Kb Hoga Jab Apko Knowledge Hoga. Isliye Apna Gyan Badhaye Aur Use Achhe Tarika Se Student Ko Bante.
आपकी website अच्छी बनी है और बाह्य अच्छी बात है कि आप एक ट्यूटर बनना चाहते है ।
में dr vivek bindra sr को की मोटिवेशनल स्पीकर है उनके साथ एसोसिएट हूं।आप चाहे तो अपनी ट्यूटर की skills उनके साथ में बढ़ा सकते है इसके लिए mobile 9981738460 पर कॉल कर सकते है
Jankari dene ke liye
Thanks
बहुत अद्भुद जानकारी दी है आपने , इससे कई सारे youth की help होगी और वे आत्मसुधार करके , अच्छी नोकरी पा सकेंगे , ऐसे ही लोगों को motivate करते रहिये , उनकी help करते रहिये