Arun Jaitley – अरुण जेटली भारत के प्रसिद्ध अधिवक्ता, राजनेता एवं पूर्व वित्त मंत्री थे। वे राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शासन में केंद्रीय न्याय मन्त्री के साथ-साथ कई बड़े पद पर आसीन थे। भाजपा के बड़े नेताओ में उनकी गिनती होती हैं। वे युवा समय में दिल्ली एबीवीपी के अध्यक्ष भी रहे।
अरुण जेटली का परिचय – Arun Jaitley Biography in Hindi
पूरा नाम | अरुण जेटली (Arun Jaitley) |
जन्म दिनांक | 28 दिसम्बर 1952 |
जन्म भूमि | दिल्ली, भारत |
मृत्यु | 24 अगस्त 2019 |
पिता का नाम | महाराज किशन जेटली |
माता का नाम | रतन प्रभा जेटली |
पत्नी का नाम | संगीता जेटली |
बेटा | रोहन जेटली |
बेटी का नाम | सोनाली जेटली |
प्रसिद्धि के कारण | वित्त मंत्री, भारत सरकार |
धर्म | हिंदू |
अरुण जेटली का नाम हमेशा भारतीय जनता पार्टी के स्वर्णिम इतिहास में शामिल रहेगा। वकील से एक सफल राजनेता तक का सफर तय करने वाले अरुण जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री थे।
प्रारंभिक जीवन – Early Life of Arun Jaitley
अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को नई दिल्ली के नारायणा विहार इलाके में हुवा। इनके पिता महाराज किशन जेटली एक वकील थे। इनकी प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्ली के सेंट जेवियर स्कूल में हुई। 1973 में इन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और लॉ की पढ़ाई करने के लिए 1977 में दिल्ली विश्वविद्यालय में लॉ विभाग में दाखिला ले लिया।
छात्र के रूप में अपने कैरियर के दौरान, उन्होंने अकादमिक और पाठ्यक्रम के अतिरिक्त गतिविधियों दोनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के विभिन्न सम्मानों को प्राप्त किया हैं। वो 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के अध्यक्ष भी रहे।
वे पढा़ई के दौरान शिक्षण व अन्य कार्यक्रमों में भी भाग लेते रहे। 1974 में अरुण जेटली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए। 1975 में आपातकाल के दौरान आपातकाल का विरोध करने के बाद उन्हें 19 महीनों तक नजरबंद रखा गया। वर्ष 1977 में, वह जनसंघ में शामिल हुए। इसके बाद वे 1977 में, उन्हें दिल्ली एबीवीपी के अध्यक्ष और एबीवीपी के अखिल भारतीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया। इसके साथ ही उनका राजनितिक जीवन शुरू हो गया।
राजनितिक – Arun Jaitley Career
जेटली राजनितिक जीवन के आलावा वकालत की तैयारी भी कर रहे थे। आपातकाल के बाद 1977 में वे हाईकोर्ट में अपनी वकालत की तैयारी करने लगे। सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले उन्होंने देश के कई उच्च न्यायालयों में अपनी तैयारी पूरी की। 1990 में अरुण जेटली ने उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ वकील में रूप में अपनी नौकरी शुरू की। वीपी सिंह सरकार में उन्हें 1989 में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया।
वर्ष 1980 में, वह भाजपा के युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने। 1991 में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने। 1999 के आम चुनाव में वे बीजेपी के प्रवक्ता बने और बीजेपी की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार आने के बाद उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया। इसके बाद उन्हें विनिवेश का स्वतंत्र राज्यमंत्री बनाया गया।
राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद उन्हें एक कानून, न्याय, जहाजरानी (Shipping) और कम्पनी मामलों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। नवंबर, 2000 में वह विधि, न्याय, और कम्पनी मामलो एवं जहाजरानी मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री बने। 1 जुलाई 2002 को, वह भाजपा के राष्ट्रीय सचिव बने। 2004 के बाद अरुण जेटली पुन: अपने वकीली पेशे में आ गए। 2006 में जेटली गुजरात से राज्यसभा के सदस्य बने। उन्होंने संविधान के 84वें और 91वें संशोधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
3 जून 2009 को, उन्हें राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया। वर्ष 2014 के आम चुनाव में, उन्होंने अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और अमरिंदर सिंह (कांग्रेस उम्मीदवार) से हार गए। लेकिन केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने भरोसा जताते हुए उन्हें वित्तमंत्री के महत्वपूर्ण पद से नवाजा। कुछ समय बाद उन्होंने रक्षामंत्री का दायित्व भी निभाया। हालांकि अस्वस्थता के चलते मोदी सरकार के दूसरे कार्यालय में मंत्री पद लेने से इंकार कर दिया
निधन – Arun Jaitley Died
अरूण जेटली का 24 अगस्त 2019 को दोपहर 12:07 बजे निधन हो गया। जेटली लगभग 15 दिनों से एम्स में भर्ती थे। अरुण जेटली ने 24 मई 1982 को संगीता जेटली से विवाह किया था। उनके दो बच्चे, पुत्र रोहन और पुत्री सोनाली हैं।
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