Bhagwan Ram / राम (रामचन्द्र), प्राचीन भारत में अवतरित, भगवान हैं। हिन्दू धर्म में, राम, विष्णु के 10 अवतारों में से सातवें हैं। “रामायण” नामक ग्रंथ में भगवान राम के विषय में पूर्ण जानकारी दी गई है। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। खास तौर पर उत्तर भारत में राम बहुत अधिक पूजनीय हैं।
भगवान राम – Bhagwan Ram History in Hindi
भगवान राम जी का जन्म अयोध्या के राजा के घर में हुआ था। उनकी माता का नाम कौशल्या और पिता का नाम दशरथ था। भगवान राम के तीन भाई थे:- भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण। भगवान राम जी के गुरु का नाम वशिष्ठ था। उनका विवाह माता सीता के साथ हुआ था। भगवान राम और सीता जी की जोड़ी को आज भी एक आदर्श जोड़ी माना जाता है। भगवान राम जी के दो पुत्र थे:- लव और कुश। हनुमान, भगवान राम के, सबसे बड़े भक्त माने जाते है।
गुरुकुल में शिक्षा –
श्री राम और उनके तीनो भाई भरत , लक्ष्मण और शत्रुघ्न ने गुरु वशिष्ट के गुरुकुल में शिक्षा पाई। चारो भाई वेदों उपनिषदों के बहूत बड़े ज्ञाता बन गये। गुरुकुल में अच्छे मानवीय और सामाजिक गुणों का उनमे संचार हुआ। अपने अच्छे गुणों और ज्ञान प्राप्ति की ललक से वे सभी अपने गुरुओ के प्रिय बन गये।
कब पैदा हुए थे भगवान राम? – Birth Date of Bhagwan Ram
भगवान राम ईसा पूर्व 5114 में पैदा हुए थे। अगर आज से हिसाब लगाया जाये तो 5114+2016=7130 दिव्या साल पहले भगवान श्रीराम पैदा हुए थे। यह शोध महार्षि वाल्मीकि की रामायण में उल्लेखित उनके जन्म के आधार पर किया गया है. भगवान राम पर यह शोध वैज्ञानिक संस्था “आई” ने किया है। इस शोध में मुख्य भूमिका अशोक भटनागर, कुलभूषण मिश्र और सरोज बाला ने निभाई है। इनके अनुसार 10 जनवरी 5114 को भगवान राम का जन्म हुआ था। हालांकि कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि भगवान राम का जन्म 7323 ईसा पूर्व हुआ था।
भगवान विष्णु ने क्यों लिया राम अवतार?
हिन्दू मान्यता के अनुसार विष्णु जी ने राम अवतार अन्यायी एवं दुष्ट राक्षस राजा रावण को खत्म करने के लिए लिया था। श्री राम अवतार में विष्णु जी ने विश्व पुत्र, भाई, पति और मित्र के गुणों को सामने रखा। श्री राम जी ने अपने पिता के कहने पर 14 वर्ष का वनवास काटा तथा अपनी मित्रता का संदेश देते हुए बाली की हत्या कर सुग्रीव का राज-पाठ उसे वापस दिलाया।
भगवान राम की कथा – Bhagwan Ram ki Kahaani
भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है। राम ने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता पिता, यहाँ तक की पत्नी का भी साथ छोड़ा। इनका परिवार आदर्श भारतीय परिवार का प्रतिनिधित्व करता है। राम रघुकुल में जन्में थे, जिसकी परंपरा प्राण जाए पर वचन ना जाये की थी। पिता दशरथ ने सौतेली माता कैकेयी को वचन दिया था, उसकी 2 इच्छा ( वर) पुरे करने का। कैकेयी ने इन वर के रूप में अपने पुत्र भरत को अयोध्या का राजा और राम के लिए 14 वर्ष का वनवास माँगा। पिता के वचन की रक्षा के लिए राम ने खुशी से 14 वर्ष का वनवास स्वीकार किया। पत्नी सीता ने आदर्शपत्नी का उदहारण पेश करते हुए पति के साथ वन जाना पसंद किया। सौतेला भाई लक्ष्मण ने भी भाई का साथ दिया। भरत ने न्याय के लिए माता का आदेश ठुकराया और बड़े भाई राम के पास वन जाकर उनकी चरणपादुका( चप्पल) ले आए। फिर इसे ही राज गद्दी पर रख कर राजकाज किया।
राम की पत्नी सीता को रावण हरण(चुरा) कर ले गया। राम ने उस समय की एक जनजाति वानर के लोगो की मदद से सीता को ढूंढा। समुद्र में पुल बना कर रावण के साथ युद्ध किया। उसे मार कर सीता को वापस लाये। जंगल में राम को हनुमान जैसा दोस्त और भक्त मिला जिसने राम के सारे कार्य पूरे कराये। राम के आयोध्या लौटने पर भरत ने राज्य उनको ही सौंप दिया। राम न्याय प्रिय थे। बहुत अच्छा शासन् किया इसलिए आज भी अच्छे शासन को रामराज्य की उपमा देते हैं। हिन्दू धर्म के कई त्यौंहार, जैसे दशहरा और दीपावली, राम की जीवन-कथा से जुड़े हुए हैं। रामनवमी का पावन पर्व श्री राम के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
भगवान राम के संदेश –
भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है। माना जाता है कि भगवान राम ने हर काम एक मर्यादा में रहकर किया। फिर चाहे बिना किसी प्रश्न के अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करना हो या फिर वन में सीता हरण के बाद रावण का वध। रावण की मृत्यु के बाद भी उन्होंने अपने दुश्मन से बैर नहीं रखा बल्कि अपने भाई को रावण के पास शिक्षा लेने के लिए भेजा। भगवान राम का चरित्र हमें माता- पिता की सेवा करना उनकी आज्ञा का पालन करना सिखाता है।
भगवान श्री राम के बारे में महर्षि वाल्मीकि द्वारा अनेक कथाएं लिखी गई हैं। वाल्मीकि के अलावा प्रसिद्ध महाकवि तुलसीदास ने भी श्री राम के महत्व को लोगों को समझाया है। भगवान राम ने कई ऐसे महान कार्य किए हैं जिसने हिन्दू धर्म को एक गौरवमयी इतिहास प्रदान किया है।
>>> भगवान राम की मृत्यु कैसे हुई जाने
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In wikipedia the date of birth is given as 4 DEC 7393 eeshvi purva.
jai shri ram…
(1) 4,800 दिव्य वर्ष अर्थात एक कृत युग (सतयुग)। मानव वर्ष के मान से 1728000 वर्ष।
(2) 3,600 दिव्य वर्ष अर्थात एक त्रेता युग। मानव वर्ष के मान से 1296000 वर्ष।
(3) 2,400 दिव्य वर्ष अर्थात एक द्वापर युग। मानव वर्ष के मान से 864000 वर्ष।
(4) 1,200 दिव्य वर्ष अर्थात एक कलि युग। मानव वर्ष के मान से 432000 वर्ष।
Bhagwan Ram KA janam Trta Yug Mein Huaa Tha yani ki dwapar youg se pahale
shatro or purano ke hisab se dwapar youg lagbhag 8 lach varsho ka tha
yani ki kalug ko hue 4000 varsh
dwapar ko 8 lack
yani ki ram ji 8 lach versh pahale paida hue to 7130 bersh kaise ho sakte hai
4 yugo ka samay dekho aap kahi se bhi
you need to mention 7130 divya versh not 7130 versh
Jai Shree Ram Ram Ram Ram
koi mujhe bataega ki bhagwan vishnu ji ke 10 avtaar kaise the kya kya naam the mujhe janana hai bhaiyo
Aap Ise Padhe >> ये हैं भगवान विष्णु के 24 अवतार
राम ( विष्णु) भगवान ही मूल परमेश्वर हैं।इस बात को समझने के लिऐ मेरे इस लिंक पर क्लिक करें।
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joy shree ram…