अभिजीत विनायक बनर्जी की जीवनी | Abhijit Banerjee Biography in Hindi

Abhijit Vinayak Banerjee – अभिजीत बिनायक बनर्जी एक भारतीय अमेरिकी अर्थशास्त्री है। बनर्जी को 2019 का अर्थशास्त्र में नोबेल पुरूस्कार मिला इनके साथ साझा तौर पे इनकी पत्नी एस्थर डफ़्लो और माइकल क्रेमर हैं। वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशनइंटरटेनर प्रोफेसर हैं। बनर्जी अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब के सह-संस्थापक भी।

अभिजीत विनायक बनर्जी की जीवनी | Abhijit Banerjee Biography in Hindiअभिजीत बनर्जी का परिचय – Abhijit Banerjee Biography in Hindi

बनर्जी का जन्म कोलकाता मे 21 फ़रवरी, 1961 को हुआ। इनकी माता निर्मला बनर्जी, भारत में सेंटर फॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज, कलकत्ता में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर, और पिता दीपक बनर्जी, एक प्रोफेसर और कलकत्ता के प्रेसिडेंट कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख थे।

अभिजीत विनायक बनर्जी (Abhijit Vinayak Banerjee) ने साउथ पॉइंट स्कूल में पढ़ाई की। अपनी स्कूली शिक्षा के बाद कलकत्ता यूनिवर्सिटी और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की हैं। उन्‍होंने 1988 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। वह अभी मैसाचुसेट्स इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी में अर्थशास्‍त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं।

अभिजीत बनर्जी ने एमआईटी की लेक्‍चरार डॉक्‍टर अरुणधति तुली बनर्जी से विवाह किया था, लेकिन बाद में उनका तलाक हो गया। इसके बाद अभ‍िजीत ने साल 2015 में अर्थशास्‍त्री एस्‍थर डफलो के साथ विवाह किया। अभिजीत के साथ एस्‍थर को भी संयुक्‍त रूप से इस बार अर्थशास्‍त्र का नोबेल पुरस्‍कार दिया गया है।

कैरियर – Abhijit Banerjee Life History 

साल 2003 में उन्‍होंने एस्‍थर डुफ्लो और सेंधिल मुलाइनाथन के साथ मिलकर अब्‍दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्‍टशन लैब (J-PAL) की स्‍थापना की और वह लैब के निदेशकों में से एक हैं। उन्हें 2004 में अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज का साथी चुना गया। उन्हें अर्थशास्त्र के सामाजिक विज्ञान श्रेणी में इन्फोसिस पुरस्कार 2009 से सम्मानित किया गया था। वह सामाजिक विज्ञान (अर्थशास्त्र) की श्रेणी में उद्घाटन इन्फोसिस पुरस्कार को भी प्राप्त किया हैं।

बनर्जी ब्‍यूरो फॉर द रिसर्च इन द इकनॉमिक एनालिसिस ऑफ डेवलेपमेंट के पूर्व अध्‍यक्ष्‍ज्ञ, अमेरिकी अकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेस और द इकनॉमेट्रिक सोसाइटी के रिसर्च एसोसिएट रह चुके हैं। इसके अलावा वह काइल इंस्‍टीट्यूट के इंटरनेशनल, गुगेनहियम और अल्‍फ्रेड पी सोलान के फेलो भी रह चुके हैं। वह इंफोसिस प्राइज के विजेता भी हैं।

2012 में, उन्होंने अपनी पुस्तक पुअर इकोनॉमिक्स के लिए सह-लेखक एस्थर डुफ्लो के साथ जेराल्ड लोएब अवार्डहोनेशन मेंशन फॉर बिजनेस बुक साझा की। 2013 में, उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून द्वारा 2015 के बाद मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स को अपडेट करने के लिए काम करने वाले विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा नामित किया गया था। वह तीन अन्‍य किताबों के संपादक रह चुके हैं और उन्‍होंने दो डॉक्‍यूमेंट्री फिल्‍मों का निर्देशन भी किया है।

अभिजीत बनर्जी समय समय पर मोदी सरकार की नीतियों की ख़ूब आलोचना कर चुके हैं। इसके साथ ही वे विपक्षी कांग्रेस पार्टी की मुख्य चुनावी अभियान न्याय योजना का खाका भी तैयार कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी उन्होंने पुरस्कार जीतने की बधाई दी है।

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