Baba Farid Gumbad / बाबा फ़रीद गुम्बद, हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित हैं। बाबा फरीद के नाम पर ही फरीदाबाद का नाम रखा गया है। यहां पर बाबा फरीद की मजार भी बनी हुई है। इसके प्रति स्थानीय लोगों में बड़ी श्रद्धा है। यह फ़रीदाबाद पर्यटन का आकर्षक स्थल है।
बाबा फ़रीद गुम्बद, फरीदाबाद – Baba Farid Gumbad History in Hindi
बाबा फ़रीदउद्दीन गंजशकर का जन्म मुल्तान में हुआ था। ये बाबा फ़रीद के नाम से प्रसिद्ध हुए। पंजाब के फरीदकोट शहर का नाम बाबा फरीद के नाम पर ही पड़ा है। फरीद वर्तमान हरियाणा के हांसी कस्बे में 12 वर्ष तक रहे सूफी प्रचार किया। हांसी सूफी विचारधारा के केन्द्र के तौर पर विकसित हुआ।
बाबा फरीद को उनकी इच्छा के अनुसार उनको पंजाब के पाकपटन में दफनाया गया। आज भी यह प्रसिद्ध तीर्थ-स्थल बना हुआ है। बाबा फरीद के शिष्य हिन्दू और मुसलमान दोनों थे। वे दोनों में लोकप्रिय थे। आज इनके मजार में दुआ करने के लिए प्रतिदिन अनेक श्रद्धालु आते हैं।
बाबा फरीद के मकबरे के संगमरमर से बने दो विशाल द्वार हैं। पूर्वी वाले दरवाजे को नूरी दरवाजा या प्रकाश का द्वार और उत्तरी दरवाजे बहिश्ती दरवाजा या स्वर्ग का द्वार कहा जाता है। मकबरे के अन्दर कपड़े या चद्दर से ढकी दो संगमरमर की गुफायें हैं। ये बाबा फरीद और उनके बड़े बेटे की कब्रें हैं। लोग यहाँ आते हैं और फूल चढ़ाते हैं। हलाँकि महिलाओं को अन्दर जाने की मनाही है।
फरीदाबाद में कोई हवाई अड्डा नहीं है आपको नयी दिल्ली इंदिरा गाँधी अंतर राष्ट्रीय हवाई अड्डे से आना होगा साथ ही यहां सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हैं।
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