Shalimar Bagh / शालीमार बाग़, भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में एक प्रसिद्ध गार्डेन है जिसे मुगल बादशाह जहाँगीर ने श्रीनगर में बनवाया था। शालीमार शब्द का अर्थ होता है – प्रेम का वास। इस गार्डन को शालीमार बाग, फैज बख्श, गार्डन ऑफ चार मीनार और फराह बख्श के नाम से भी जाना जाता है।
शालीमार बाग़ का इतिहास, जानकारी – Shalimar Bagh Jammu and Kashmir History & Information in Hindi
शालीमार बाग़ (Shalimar Garden), श्रीनगर से 15 किमी. दूर स्थित है जो इस शहर के सभी मुगल बाग़ में से सबसे लोकप्रिय है। श्रीनगर भारत के उत्तरतम राज्य जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्म-कालीन राजधानी है। इसे जहाँगीर ने अपनी प्रिय एवं बुद्धिमती पत्नी मेहरुन्निसा के लिये बनवाया था, जिसे नूरजहाँ की उपाधि दी गई थी।
इस बाग में चार स्तर पर उद्यान बने हैं एवं जलधारा बहती है। इसकी जलापूर्ति नजदीकी हरिवन बाग से होती है। उच्चतम स्तर पर उद्यान, जो कि निचले स्तर से दिखाई नहीं देता है, वह हरम की महिलाओं हेतु बना था। यह उद्यान ग्रीष्म एवं पतझड़ में सर्वोत्तम कहलाता है। इस ऋतु में पत्तों का रंग बदलता है एवं अनेकों फूल खिलते हैं।
बाग़ को विभिन्न प्रायोजनों के लिए तीन सीढ़ीदार वर्गो में विभाजित किया गया है। बाहरी बगीचा दीवान – ए – आम, बीच वाला बाग़ का हिस्सा दीवान – ए – खास या सम्राट का बाग़ और सबसे ऊपर वाले बाग़ के हिस्से को शाही महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था।
शालीमार बाग़ की डिजायन, चाहार बाग ऑफ पेरसिया पर आधारित है। इस बाग़ को यहां की चीनी खनास या आर्चड नीचेस के लिए जाना जाता है जो बाग़ के पिछले हिस्से में वॉटर फॉल्स में बनी हुई है, यहां रात के दौरान तेल के दीपक से रोशनी की जाती है। इस प्रकाश का झरने पर स्पेशल इफेक्ट पड़ता है जिससे झरना जादुई सा प्रतीत होता है।
इन नीचेस में फूलों के गमले लगे हुए हैं जिनका रिफलेक्शन पानी में पड़ता है जो पानी कई रंगों और रूप में चमक उठता है। शालीमार बाग लगभग 31 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है जो चारों तरफ से चिनार के पेड़ों से घिरा हुआ है।
यही बाग़ अन्य बागों की प्रेरणा बना, खासकर इसी नाम से लाहौर, पाकिस्तान में निर्मित और विकसित बाग की। यह वर्तमान में एक सार्वजनिक बाग़ है।
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