Pragya Singh Thakur – प्रज्ञा सिंह ठाकुर जिन्हे संक्षिप्त साध्वी प्रज्ञा कहते हैं एक भारतीय हिन्दू सन्यासिन हैं और 2008 के मालेगांव आतंकवादी बम विस्फोटों की एक आरोपी है। उसे आतंकी आरोपों के लिए गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा, लेकिन विशेष राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा मकोका धारा के तहत आरोप छोड़ने के बाद उसे जमानत दे दी गई। अभी वे भाजपा की ओर से भोपाल से लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार भी हैं।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का परिचय – Sadhvi Pragya Singh Thakur Biography in Hindi
प्रज्ञा सिंह ठाकुर का जन्म 2 फरवरी 1970 को हुआ था। उनके पिता डॉ. चंद्रपाल सिंह है वे एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक डॉक्टर थे और प्राकृतिक जड़ी बूटियों से मरीजों का इलाज करते थे। प्रज्ञा सिंह ठाकुर मध्यप्रदेश के एक मध्यवर्गीय कुशवाहा राजपूत परिवार से हैं। उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक एवं व्यवसाय से आयुर्वेदिक डॉक्टर थे।
पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते प्रज्ञा संघ और विहिप से जुड़ गई और सन्यास ले लिया। और साथ ही भोपाल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रहीं। इतिहास में परास्नातक प्रज्ञा हमेशा से ही दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़ी रहीं। वे विश्व हिन्दू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी से जुड़ी थीं। भिंड के लाहार कॉलेज से इतिहास में स्नातकोतर तक पढ़ाई करने वाली प्रज्ञा को छात्र जीवन में एक मुखर वक्ता के तौर पर देखा जाता था और आध्यात्म तथा हिंदुत्व पर शास्त्रार्थ में उन्हें हराना मुश्किल था।
साध्वी प्रज्ञा कई बार अपने भड़काऊ भाषणों के लिए सुर्खियों में रहीं। 2002 में उन्होंने ‘जय वन्दे मातरम् जन कल्याण समिति’ बनाई। बाद में वे स्वामी अवधेशानन्द गिरि के संपर्क में आयीं। इसके बाद उन्होंने एक ‘राष्ट्रीय जागरण मंच’ बनाया। साध्वी होने के कारण इन्होने विवाह नही किया।
वेअपने उत्तेजक भाषणों और भाजपा की स्टार प्रचारक होने के लिए जानी जाती हैं। वर्ष 2019 के आम चुनाव में, उन्हें कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने मैदान में उतारा है। लेकिन भाजपा नेता फातिमा रसूल सिद्दीकी ने कहा कि उनकी सांप्रदायिक और अप्रिय टिप्पणी ने शिवराज सिंह चौहान और मुसलमानों की छवि को धूमिल किया है और वह प्रज्ञा के लिए प्रचार नहीं करेंगे।
साध्वी प्रज्ञा से जुड़े विवाद – Pragya Singh Thakur in Hindi
1). साल 2006 के मालेगांव मस्जिद बम विस्फोट में साध्वी मुख्य आरोपी थी, जिसमें दो बम विस्फोट महाराष्ट्र में और एक गुजरात में हुआ था। जिस विस्फोट में 6 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए थे। इसके चलते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 9 साल की कैद की सजा सुनाई गई। हालांकि, वर्ष 2017 में उन्हें आरोपों से बरी कर दिया गया था।
2). वे अपने भड़काऊ भाषणों के लिए मीडिया में बनी रहती हैं। वर्ष 2018 में, एक भाषण के दौरान, उन्होंने सोनिया गांधी को इटली वाली बाई कहा। जिससे वह काफी विवादों में रहीं।
3). दिसंबर 2007 में, साध्वी प्रज्ञा पर भाजपा विधायक सुनील जोशी की हत्या करने का भी आरोप था, जिसने साध्वी को शादी के लिए प्रस्तावित किया था, लेकिन उन्होंने शादी से इनकार कर दिया था। इस घटना में वह अपने अन्य सात साथियों के साथ दोषी पाई गई थीं, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और वर्ष 2017 में आरोपमुक्त होने पर, उन्हें रिहा भी कर दिया गया।
4). 19 अप्रैल 2019 को, उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विवादित बयान देते हुए, कहा कि “जब उन्हें मालेगाँव बम विस्फोट मामले में गिरफ्तार किया गया था, तब उन्होंने 26/11 हमले के दोषी हेमंत करकरे को छोड़ने के लिए कहा था; क्योंकि उस समय उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था। फिर साध्वी ने हेमंत करकरे को शाप दिया कि “बहुत ही जल्द तू मृत्यु को प्राप्त होगा।” उल्लेखनीय रूप से, मुंबई आतंकवादी हमले के दो महीने बाद ही हेमंत की मृत्यु हो गई।
5). प्रज्ञा ठाकुर ने हाल ही में एक विवादित बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि “दिसंबर 1992 में वह अयोध्या के विवादित ढांचे को तोड़ने गई थी। ढांचा तोड़ने का मुझे गर्व है। ईश्वर ने यह अवसर मुझे दिया था, इसलिए मैंने यह कार्य किया। मैंने देश का कलंक मिटाया है। इस बयान काे संज्ञान में लेते हुए, चुनाव आयोग ने प्रज्ञा साध्वी पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का नोटिस भेजा।