भारत का संविधान- परिशिष्ट 5 –[Appendix 5]
संविधान (अठासीवाँ संशोधन) अधिनियम, 2003
[15 जनवरी, 2004]
भारत के संविधान का और संशोधन करने के लिए अधिनियम
भारत गणराज्य के चौवनवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो :–
1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ–(1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम संविधान (अठासीवाँ संशोधन) अधिनियम, 2003 है।
(2) यह उस तारीख* को प्रवृत्त होगा, जिसे केंद्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत करे।
2. नए अनुच्छेद 268क का अंतःस्थापन–संविधान के अनुच्छेद 268 के पश्चात् निम्नलिखित अनुच्छेद अंतःस्थापित किया जाएगा, अर्थात् :–
”268क. संघ द्वारा उद्गृहीत किए जाने वाला और संघ तथा राज्यों द्वारा संगृहीत और विनियोजित किया जाने वाला सेवा कर–(1) सेवाओं पर कर भारत सरकार द्वारा उद्गृहीत किए जाएँगे और ऐसा कर खंड (2) में उपबंधित रीति से भारत सरकार तथा राज्यों द्वारा संगृहीत और विनियोजित किया जाएगा।
(2) किसी वित्तीय वर्ष में, खंड (1) के उपबंध के अनुसार उद्गृहीत ऐसे किसी कर के आगमों का–
(क) भारत सरकार और राज्यों द्वारा संग्रहण;
(ख) भारत सरकार और राज्यों द्वारा विनियोजन,
संग्रहण और विनियोजन के ऐसे सिद्धान्तों के अनुसार किया जाएगा, जिन्हें संसद विधि द्वारा बनाए।”
3. अनुच्छेद 270 का संशोधन–संविधान के अनुच्छेद 270 के खंड (1) में, ”अनुच्छेद 268 और अनुच्छेद 269” शब्दों और अंकों के स्थान पर, ”अनुच्छेद 268, अनुच्छेद 268क और अनुच्छेद 269” शब्द, अंक और अक्षर रखे जाएँगे।
4. सातवीं अनुसूची का संशोधन–संविधान की सातवीं अनुसूची में, सूची 1–संघ सूची में, प्रविष्टि 92ख के पश्चात् निम्नलिखित प्रविष्टि अंतःस्थापित की जाएगी, अर्थात् :–
”92ग. सेवाओं पर कर।” Home