Khandar Fort / खंदर का किला राजस्थान के सबसे प्राचीन किलों में से एक है। यह राजस्थान के खंदर तहसील में होने के कारण खंदर के किले के नाम से जाना जाता है। यह सवाई माधोपुर में पर्यटकों का मुख्य पर्यटन और आकर्षण केन्द्र है। यह प्राचीन क़िला शहर के केन्द्र से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह किला किसने बनवाया ये किसी को नहीं पता नहीं है क्युकी इस पर कई राजवंशो के राज करने के प्रमाण मिलते है।
खंदर का किला राजस्थान, इतिहास – Khandar Fort History in Hindi
यह क़िला विश्व प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य ‘रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान’ के पास स्थित है। एक खड़ी पहाड़ी पर स्थित क़िले के प्रवेश द्वार पर तीन बडे दरवाज़ें है। इस क़िले के निर्माण को लेकर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन इतना तय है कि 12वीं शताब्दी में यह क़िला अपनी उन्नति के चरम पर था।
खंदर के किले पर कई राजवंशों ने निवास किया, जिनमे सबसे प्रमुख रहे सवाई माधो सिंह, इस किला कभी की किसी हमले के कारण पराजित नहीं हुआ, कहा जाता है की इस किले में निवास करने वाला राजा अजेय हो जाता था क्युकी यह किला चंबल और बनास नदियों के निनारे बना है इसलिए शत्रु का इस पर पूरी तैयारी से हमला कर पाना संभव नहीं था, इस किले पर कुछ समय मुगलो और बढ़गुजरो का अधिपत्य रहा, खिलजी हार कर चला गया, सबसे लम्बे समय तक मेवाड़ के सिसोदिया राजपूतो का अधिपत्य रहा।
किला परिसर के अंदर सात मंदिर हैं- हनुमान मंदिर, चतुर्भुजा मंदिर, रानी मंदिर, गोविन्द देवजी मंदिर जगतपालजी मंदिर और जयंती माता मंदिर। इसके अतिरिक्त, परिसर के अंदर दो टैंक और सात तालाबों सहित कुछ जल निकाय हैं।