Jammu Kashmir Article 35A Hindi – अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 भारत के संविधान में दो ऐसे अनुच्छेद है जो कि जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार प्रदान करते हैं। हालाँकि समय-समय पर ये दोनों अनुच्छेद हटाने की मांग उठती रहती हैं। तो चलिए जाने अनुच्छेद 35A क्या हैं?
जम्मू एवं कश्मीर के संविधान की क्या विशेषताएं हैं? – Jammu Kashmir Samvidhan in Hindi
जम्मू एवं कश्मीर भारतीय गणतंत्र में शामिल एक मात्र ऐसा प्रदेश है जिसके पास अपना स्वयं का संविधान है और राष्ट्रीय झंडा है। इस प्रदेश में भारत का संविधान भी लागू होता है और यहाँ के स्थायी निवासियों को भारत के नागरिकों को मिलने वाले सभी अधिकार मिलते हैं। जम्मू एवं कश्मीर के संविधान को बनने में कुल 5 वर्ष का समय लगा। 17 नवम्बर, 1957 को जम्मू एवं कश्मीर का संविधान अंगीकार किया गया तथा 26 जनवरी , 1957 को प्रभाव में आया था।
जम्मू कश्मीर के संविधान के मुताबिक, स्थायी नागरिक वह व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या फिर उससे पहले के 10 सालों से राज्य में रह रहा हो, और उसने वहां संपत्ति हासिल की हो।
अनुच्छेद 35A क्या हैं? – Article 35A in Hindi
अनुच्छेद 35A, धारा 370 का ही हिस्सा है। अनुच्छेद 35A, 14 मई 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था। इस आदेश के जरिए भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 35A जोड़ दिया गया। इसके तहत –
- दूसरे राज्यों का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में ना तो संपत्ति खरीद सकता है और ना ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता है।
- और इसी कारण वहां वोट नही डाल सकता है।
- अगर जम्मू & कश्मीर की कोई लड़की किसी बाहर के लड़के से शादी कर लेती है तो उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं। साथ ही उसके बच्चों के अधिकार भी खत्म हो जाते हैं।
- ऐसे स्थायी नागरिकों को विशेषाधिकार प्रदान करना तथा अन्य व्यक्तियों पर इन क्षेत्रों में प्रतिबन्ध लगाना—
- (i) राज्य सरकार में नौकरी
- (ii) राज्य की अचल सम्पत्ति का अधिग्रहण
- (iii) राज्य में बसना; या
- (iv) राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति या ऐसी कोई अन्य सहायता
वर्तमान में इसे हटाने की मांग क्यों हो रही है?
1). इसे हटाने के लिए पहली दलील यह है कि इसे संसद के जरिए लागू नहीं करवाया गया था। संविधान सभा से लेकर संसद की किसी भी कार्यवाही में, कभी अनुच्छेद 35A को संविधान का हिस्सा बनाने के संदर्भ में किसी संविधान संशोधन या बिल लाने का जिक्र नहीं मिलता है। अनुच्छेद 35A को लागू करने के लिए तत्कालीन सरकार ने धारा 370 के अंतर्गत प्राप्त शक्ति का इस्तेमाल किया था।
2). दूसरी दलील ये है कि देश के विभाजन के वक्त बड़ी तादाद में पाकिस्तान से शरणार्थी भारत आए। इनमें लाखों की तादाद में शरणार्थी जम्मू-कश्मीर राज्य में भी रह रहे हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार ने अनुच्छेद 35A के जरिए इन सभी भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी प्रमाणपत्र से वंचित कर दिया। इन वंचितों में 80 फीसद लोग पिछड़े और दलित हिंदू समुदाय से हैं। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर में विवाह कर बसने वाली महिलाओं और अन्य भारतीय नागरिकों के साथ भी जम्मू-कश्मीर सरकार अनुच्छेद 35A की आड़ लेकर भेदभाव करती है।
Good info. Har koi 35A ko janne ko lekar utsuk hai..