Alfred Nobel Biography & Story in Hindi / नोबेल पुरुस्कार जो दुनिया के प्रतिष्ठित अवार्ड मे एक है यह स्वीडिश वैज्ञानिक और केमिकल इंजिनियर ऐल्फ्रेड बर्नार्ड नोबेल के नाम पे है। क्यूंकी उन्होने अपनी सारी संपति इसी के लिए दान कर दी थी। इन्होने डाइनेमाइट नामक प्रसिद्ध बिस्फोटक का भी आविष्कार किया था।
ऐल्फ्रेड बर्नार्ड नोबेल का परिचय – Alfred Bernhard Nobel in Hindi
पूरा नाम | ऐल्फ्रेड बर्नार्ड नोबेल (Alfred Bernhard Nobel) |
जन्म दिनांक | 21 अक्तूबर, 1833 |
जन्म स्थान | स्टॉकहोल्म, स्वीडन–नॉर्वे |
मृत्यु | 10 दिसंबर 1896, संरेमो, इटली |
राष्ट्रीयता | स्वीडन |
पेशा | केमिस्ट, इंजीनियर, इन्वेंटर |
उपलब्धि | विश्व प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार इनके ही द्वारा स्थापित न्यास द्वारा दिया जाता है। |
जीवन कहानी – Alfred Nobel Story
ऐल्फ्रेड बर्नार्ड नोबेल का जन्म बाल्टिक सागर के किनारे बसे स्टॉकहोम नामक शहर में हुआ था। अल्फ्रेड नोबेल के साथ भाई-बहन थे लेकिन उसके केवल तीन भाई ही बाल्यावस्था में जीवित रह सके थे। नौ वर्ष के आयु मे अपने परिवार के साथ रहने रुस चले गये थे। यहाँ वे रूस की सरकार के लिए खेती के औजारों के सिवाय अग्न्यास्त्र, सुरंगें और तारपीडो के निर्माण में लगे रहे। इसी समय से उन्होने चट्टान उड़ाने के तरीक़ो के बारे मे सोचने लगे और इसमे काम करने लगे।
आख़िरकार 1866 मे उन्होने डायनामाइट की खोज कर ली। वे अपने पिता के कारखाने मे ही अध्ययन करते थे। तीन सितंबर को भयानक विस्पोट से उनका पूरा कारखाना नष्ट हो गया। नोबेल के छोटे भाई की उसी मे मौत हो गयी थी। फिर भी उन्होने अपना अध्ययन जारी रखा। और नाइट्रोग्लिसरिन को वश मे करने का उपायों की खोज मे लगे रहे। सन् 1867 में कॉर्डाइट का अविष्कार किया।
स्वीडिश के लोगो को उनके मृत्यु के बाद ही पुरूस्कारों के बारे मे पता चला, जब उन्होने उनकी वसीयत पड़ी, उसमे उन्होने अपने धन से मिलने वाली सारी वार्षिक आय पुरूस्कारों के लिए दान कर दी थी। वसीयत मे उन्होने आदेश दिया था की ” सबसे योग्य व्यक्ति, चाहे वो स्केडिनेवियन हो या ना हो, यह पुरूस्कार प्राप्त करेगा। “उनके द्वारा छोड़े गये धन का वार्षिक व्याज उन लोगो के बीच वार्षिक रूप मे बाँटा जाता है, जिन्होने विज्ञान (फिज़िक्स, केमिस्ट्री, चिकित्सा विज्ञान), साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र मे उत्कृष्ट योगदान दिया है।
उनकी मृत्यु के पांच वर्ष बाद सन 1901 से प्रथम नोबेल पुरुस्कार वितरित किये गये। नोबेल फाउंडेशन ने पुरुस्कार वितरण का कार्य सम्भाला।
पहले यह पुरूस्कार पाँच विषयो मे दिए जाते थे। अर्थशास्त्र के लिए पुरूस्कार स्वीडिश बॅंक द्वारा अपनी 300 वी वर्षगाँठ के उपलब्धि मे 1967 मे आरंभ किया। इसे 1969 मे पहली बार प्रदान किया गया। पुरूस्कार समिति हर साल अक्तूबर मे नोबेल पुरूस्कार विजेताओ की घोषणा करती है। और ऐल्फ्रेड बर्नार्ड नोबेल की पुण्य तिथि 10 दिसंबर को यह प्रदान किया जाता है। हर अवॉर्ड मे एक वर्ष मे अधिकतम तीन लोगो को ये पुरूस्कार दिया जा सकता है। पुरूस्कार प्राप्त करने वालो की संख्या एक से अधिक होने पर राशि दोनो के बीच बाट दी जाती है।
इन्होंने जीवन पर्यंत विवाह नहीं किया तथा एकाकी जीवन बिताया। मानव हित की आकांक्षा से प्रेरित होकर इन्होंने अपने धन का उपयोग समाज के भले के लिए लगा दिया।
एक कथा अल्फ्रेड नोबेल की –
कहा जाता हैं एक बार वे सुबह का अखबार देख रहे थे और अचानक वे अपना नाम मृतकों की नामावली वाले पेज पर देखकर अचंभित और भयभीत हो गए। बाद में अखबार ने विवरण में बताया की गलती से किसी गलत इंसान की मृतक घोषित किया गया। लेकिन अखबार देखने के बाद उस उनकी की पहली प्रतिक्रिया देखने योग्य थी।
वे यही सोच रहा थे की वह यहाँ है या वहा है? और जब विवरण को देखते हुए उन्होंने धैर्य को वापिस प्राप्त किया तब उनके दिमाग में दुसरा विचार यह आया की लोग उसके बारे में क्या सोच रहे होंगे।
जब लोग मृतकों वाली नामावली वाले पेज पर पढेंगे, “डायनामाइट का राजा मारा गया।” और यह भी की, “वह मृत्यु का सौदागर था।” उन्होंने डायनामाइट की खोज की थी और जब उन्होंने ‘मौत का व्यापारी’ ये शब्द पढ़े, तो वे अपनेआप को ही एक प्रश्न पुछा-
“क्या इसी नाम से मुझे याद किया जायेंगा?” उन्होंने उस समय अपनी भावनाओ को महसूस किया और निश्चय किया की वह इस तरह याद रहने वाला नही बनना चाहता। उसी दिन से, उन्होंने शांति के लिए काम करना शुरू किया। और आज वह महान नोबेल पुरस्कार के लिए याद किये जाते है।
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बहुत ही शानदार लेख की प्रस्तुति। डायनामाइट का ही वह आविष्कार था जिसने अल्फ्रेड नोबेल की जिंदगी का रूख मोड़ दिया। एक खतरनाक विस्फोटक की खोज केे बाद उन्होंनें अपना पूरा जीवन विश्व शांति को समर्पित कर दिया। दुनिया में सबसे बड़ा दिया जाने वाला सम्मान नोबेल शांति पुरस्कार ही है। बहुत अच्छा लेख। यह मुझे बहुत पसंद आया।
62991941** hii bhai kaise hai bhaut achaa comment kiya hai appne
कहते है जो होता है अच्छा होता है ना डायनामाइट की खोज होती ना एल्फेड साहब का भाई जाता ना उन्का मन विचलित होता और ना विश्व को नोवेल पुरुस्कार मिलते
वास्तव मे नोबेल जी ने विश्व के लिये काफी हितकारी कार्य किया|
Bilkul Sahi Hain Sir..
NOBAL ji great person of the World
Very nice Nobel saheb aap amr h
नोबेल पुरुस्कार देकर अल्फ्रेड नोबेल सर ने बहुतअच्छा काम क्या इससे समाज के कर्मिष्ठ लोग समाज के लिए और अपने देश के लिए बहुत अच्छा योगदान दे रहे है।
Super h Ji..
Sahi mayane main to nobal ek mahan tha
Sir aap ki ye post bahut achi lagi kiyu ki mujeh is ke bare me jankari nahi thi