एडिडास कंपनी की सक्सेस होने का राज | Adidas Brand Story in Hindi

बैट – बॉल के बाद आज बात करते है, क्रिसेटर्स की एक्सेसरीज पर। इसके बिना कोई भी खिलाड़ी मैदान पे नही उतर सकता। खेल चाहे कोई भी हो एक ऐसी कंपनी है। जिसका नाम जुड़े बिना शायद कोई खिलाड़ी रहा हो। वह कंपनी है एडीडास (Adidas)। क्रिकेट के सारे एक्सेस्रिस मे एडीडास आगे है. एडीडास ब्रांड के पीछे दो भाइयो की मेहनत है. बाथरूम मे बैठकर जूते बनाने से शुरू हुवा ये सफ़र आज पूरी दुनिया मे पहुँच चुका है।

Adidas story in hindi

एडिडास कंपनी की कहानी – Adidas Brand Company Story in Hindi

आज एडीडास स्पोर्ट्स का हर समान बनता है। एडीडास ब्रांड का मुख्य प्रॉडक्ट है स्पोर्ट शूज, इसे बनाया है एडॉल्फ देसलर ने। जर्मनी मे रहने वाले 20 साल के इस युवा ने सोचा की स्पोर्ट शूज बनाया जाए। उसने लक्ष्य लिया की दुनिया के हर खिलाड़ी उनके बनाए शूज पहनकर खेले। हालाँकि ये लक्ष्य आजतक पूरा नही हुआ। पर ऐसा कोई खेल नही जिसमे एडीडास का नाम जुड़ा न हो।

एडॉल्फ अपने भाई रुडोल्फ के साथ मिलकर बाथरूम मे हाथ से शूज बनाते थे। उन्होने कभी नही सोचा होगा की एक दिन ये बाथरूम प्रॉडक्ट दो बड़ी कंपनी मे बदल जाएगी। एडॉल्फ ने एक ही लक्ष्य रखा- ग्राहको की सुविधा। उन्होने खिलाड़ियो से मिलकर सलाह लेना शुरू किया। इसी सलाह पर 1952 मे उन्होने दुनिया के पहला स्पाइक्स शूज बनाया। यही से ब्रांड एडीडास स्पोर्ट्स ब्रांड बन गया। जाहिर है स्पाइक्स पहनकर कोई भी ऑफीस या पिकनिक नही जाएगा। 1927 मे दोनो भाइयो ने कारखाना खोला। 1928 कंपनी का टर्निंग पॉइंट रहा एम्सटर्ड ओलिंपिक मे खिलाड़ियो ने एडॉल्फ के बनाए शूज पहने। इसके बाद 1936 ओलिंपिक मे बर्लिन मे जेसिन ओवेंश ने यही शूज पहनकर चार गोल्ड मेडल जीते।

बस, देसलर को पैर मिल गये। वह अपने आप दौड़ने लगा। स्पोर्ट्स वर्ल्ड शूज का दीवाना हो गया। देसलर गोलडेन शूज बन गया (उस दौर मे शूज का नाम देसलर था) लेकिन अच्छा वक्त हमेशा नही रहता। स्पोर्ट्स मुक़ाबले की तरह दोनो भाइयो मे विवाद हो गया। 1948 मे यही से दुनिया को दो कम्पनीज मिली। एडॉल्फ देसलर ने एडीडास और रुडोल्फ ने प्यूमा नाम से बिज़्नेस शुरू किया।

एडीडास अब भी स्पोर्ट्स शूज मे बादशाह है। 1987 मे देसलर के वरीसो ने कंपनी बेच दी। पर, नाम अब भी बाकी है। 2006 मे एडीडास ने मेरतन रेस की तरह रीबॉक को भी खरीद लिया। 11.8 अरब मे ये सौदा हुवा। आज एडीडास करीब 15 अरब यूरो की बिक्री करता है, और करीब 50000 कर्मचारी है। भाइयो मे कट्टर दुश्मनी- रुडोल्फ और एडॉल्फ की दुश्मनी का लोगो ने खूब मज़ा लिया। लोग एडीडास के शूज पहनकर रुडोल्फ के पास जाते, रुडोल्फ उन्हे प्यूमा का शूज फ्री मे दे देता क्यूंकी उन्हे एडीडास देखते ही नफ़रत पैदा हो जाता था।

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कंपनी की जीत –

#. देसलर के नाम 700 से ज़्यादा पेंटेंट थे.
#. दुनिया को स्पाइक्स शूज एडीडास ने दिया.
#. शूज बनाने की शुरुवत बाथरूम से शुरू हुवी.

जर्मनी ने जीता वर्ल्ड कप –

1954 मे गीले, कीचड़ सने मैदान मे खेलते हुवे। जर्मनी ने स्टद वेल एडीडास शूज पहनकर वर्ल्ड कप जीता लिया. इसके बाद फुटबॉल जगत मे एडीडास की शाख जम गयी। ट्रॅक एंड फील्ड स्पोर्ट्स, ख़ासकर रनिंग मे तो पहले से ही एडीडास का सिक्का चलता था।

क्रिकेट मे लोकप्रियता –

एडीडास (Adidas) क्रिकेट की पूरी कीट्स बनता है, पर उसके पॅड्स, हेंड्स ग्लब्स, लेग गार्ड, गार्ड टी-शर्ट, लोवर और जर्शी बेहद लोकप्रिय है।


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