Dosti Shayari on Doston ke Sahare
भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी,
दिल की गहराई मे हमारी तस्वीर बस जाएगी,
ढूढ़ने चले हो हमसे बेहतर दोस्त,
तलाश हमसे शुरू होकर हम पे ही ख़त्म हो जाएगी.
Dosti Shayari on Aapki Dosti
हर गुलशन गुलजार हुआ करते है,
हर फूल खुशबूदार हुआ करते है,
मगर हमने यह सोच कर बडी भूल की,
हर दोस्त वफादार हुआ करते हैं।
Dosti Shayari on Bewafaii
दोस्तों की कमी को पहचानते है हम,
दुनियाँ के गमों को भी जानते है हम,
आप जैसे दोस्तों के ही सहारे,
आज भी हँस कर जीना जानते है हम.
Dosti Shayari on Isk Par Kurbaan
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर मेरा इश्क भी कुर्बान है!!
Dosti Shayari Best Collection
दोस्त को दोस्त का इशारा याद रहेता हे,
हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता हे,
कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो गुजारो,
वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे|
हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता हे,
कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो गुजारो,
वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे|
वो दिल क्या जो मिलने की दुआ न करे,
तुम्हें भुलकर जिऊ यह खुदा न करे,
रहे तेरी दोस्ती मेरी जिन्दगानी बनकर,
यह बात और है जिन्दगी वफा न करे|
तुम्हें भुलकर जिऊ यह खुदा न करे,
रहे तेरी दोस्ती मेरी जिन्दगानी बनकर,
यह बात और है जिन्दगी वफा न करे|
दोस्ती का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करू,
आप भूल भी जाओ तो मे हर पल याद करू,
खुदा ने बस इतना सिखाया हे मुझे
कि खुद से पहले आपके लिए दुआ करू..
आप भूल भी जाओ तो मे हर पल याद करू,
खुदा ने बस इतना सिखाया हे मुझे
कि खुद से पहले आपके लिए दुआ करू..
दोस्त को दोस्त का इशारा याद रहेता हे,
हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता हे,
कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो गुजारो,
वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे|
हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता हे,
कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो गुजारो,
वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे|
देखी जो नब्ज मेरी,
हँस कर बोला वो हकीम,
जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तों के साथ..
तेरे हर मर्ज की दवा वही है ..
हँस कर बोला वो हकीम,
जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तों के साथ..
तेरे हर मर्ज की दवा वही है ..
किसी रोज़ याद न कर पाऊं तो खुदगर्ज़ न समझ लेना दोस्तों,
दरसल छोटी सी इस उम्र में परेशानिया बहुत हैं,
मैं भूला नहीं हूँ किसी को मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं ज़माने में,
बस थोड़ी ज़िन्दगी उलझ पड़ी है दो वक़्त की रोटी कमाने में|
दरसल छोटी सी इस उम्र में परेशानिया बहुत हैं,
मैं भूला नहीं हूँ किसी को मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं ज़माने में,
बस थोड़ी ज़िन्दगी उलझ पड़ी है दो वक़्त की रोटी कमाने में|
शाम–ए–महेफिल!
चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं,
देखते हैं उनके पँख थक चुके है,
या अभी भी फड़फड़ाते हैं,
हँसते हैं खिलखिलाकर,
या होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं,
वो बता देतें हैं सारी आपबीती,
या सिर्फ सफलताएं सुनाते हैं,
हमारा चेहरा देख वो,
अपनेपन से मुस्कुराते हैं,
या घड़ी की और देखकर,
हमें जाने का वक़्त बताते हैं,
चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं !
चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं,
देखते हैं उनके पँख थक चुके है,
या अभी भी फड़फड़ाते हैं,
हँसते हैं खिलखिलाकर,
या होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं,
वो बता देतें हैं सारी आपबीती,
या सिर्फ सफलताएं सुनाते हैं,
हमारा चेहरा देख वो,
अपनेपन से मुस्कुराते हैं,
या घड़ी की और देखकर,
हमें जाने का वक़्त बताते हैं,
चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं !
दोस्ती अच्छी हो तो रंग़ लाती है
दोस्ती गहरी हो तो सबको भाती है
दोस्ती नादान हो तो टूट जाती है
पर अगर दोस्ती अपने जैसी हो
तो इतिहास बनाती है
दोस्ती गहरी हो तो सबको भाती है
दोस्ती नादान हो तो टूट जाती है
पर अगर दोस्ती अपने जैसी हो
तो इतिहास बनाती है
छोटे से दिल में गम बहुत है,
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,
कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है.
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,
कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है.