Janab Bashir Badr – Aansuon se dhuli khushi ki tarah
बशीर बद्र ग़ज़ल – (आंसुओं से धूलि ख़ुशी कि तरह) आंसुओं से धूलि ख़ुशी कि तरह रिश्ते होते है शायरी कि तरह हम खुदा बन के आयेंगे वरना हम से मिल जाओ आदमी कि तरह बर्फ सीने कि जैसे – जैसे गली आँख खुलती गयी कली कि तरह जब कभी बादलों में घिरता हैं चाँद लगता है […]
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