डॉ. ज़किर नाइक की जीवनी | Dr Zakir Naik Biography in Hindi

पूरा नाम – डॉ. ज़ाकिर अब्दुल करीम नाइक,(ذاکِر نائک)
जन्म –  18 अक्तूबर 1965
राष्ट्रीयता – भारतीय,
प्रसिद्धि का कारण – दावाह,

डॉ. ज़किर नाइक – Dr Zakir Naik Biography in Hindi

डॉ. जाकिर नाइक जाने-माने इस्लामिक धर्म प्रचारक, मुस्लिम विद्वान, लेखक और एक अच्छे वक्ता हैं। सूट-बूट पहनकर और अँग्रेज़ी मे भाषण देकर उन्होने अपनी अलग तरह की छवि बनाई है। नाइक इस्लामिक रिसर्च फांउडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। वे पीस टीवी चैनल के भी संस्थापक हैं। चैनल का दावा है की उनके लगभग 100 करोड़ दर्शक है। जाकिर नाइक दूसरे धर्मो से इसलाम की तुलना कर उसे सर्वश्रेष्ठ बता कर लगातार चर्चा मे रहे है। उन्हें लोग तुलनात्मक धर्म के अधिकार वाला इंसान भी कहते थे। शायद भारत में सबसे प्रभावशाली सलाफी विचारधारको में से वे एक है। वे दुनिया के सर्वश्रेष्ट सलाफी इंजीलवादी कहलाते थे।

प्रारम्भिक जीवन – Early Life of Dr Zakir Naik

ज़ाकिर नाइक का पूरा नाम ज़ाकिर अब्दुल करीम नाइक है, जाकिर का जन्म 18 अक्तूबर 1965 को मुंबई महाराष्ट्र मे हुआ। उनके पिता का नाम अब्दुल करीम नाइक और मा का नाम पोचम्मा नाइक है। जाकिर नाइक की पत्नी फरहत नाइक है जिनसे एक बेटा फरीक नाइक और बेटी रुश्दा नाइक है।

जाकिर नाइक ने अपनी स्कूली शिक्षा St. Peter’s High School से की, इसके बाद नाइक ने मुंबई के किशनचन्द चेलराम कॉलेज से पढ़ाई की हैं तथा उनके पास नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड बीवाइएल नायर चैरिटेबल हॉस्पिटल से एमबीबीएस की डिग्री हैं।

मेडिसिन से धार्मिक कार्यो की ओर 

जाकिर नाइक के पिता एक मनोचिकित्सक थे। एक साक्षात्कार में जाकिर ने बताया था कि उनकी मां उसे दुनिया का पहला सफल हार्ट-ट्रांसप्लांट करने वाले साउथ अफ्रीकी मूल के डॉक्टर क्रिस्चियन बर्नार्ड जैसा बनाना चाहती थीं। जाकिर डॉक्टर तो बना, लेकिन मेडिकल की पढ़ाई के दौरान उसके आदर्श एक अन्य साउथ अफ्रीकी इस्लामी उपदेशक शेख अहमद दीदात बन गए।

वर्ष 1987 मे प्रसिद्ध लेखक और धर्म प्रचारक अहमद हूसेन दिदात से उनकी मुलाकात ने नाइक के जीवन की धारा को मेडिसिन से धार्मिक कार्यो की ओर मोड दिया, भारतीय मूल के दिदात दक्षिण अफ्रीका के निवासी थे, और अपने जीवनकाल मे उन्होने अँगरेज़ी मे अनगिनत भाषण दिए, अनेक किताबे भी लिखी। उन्ही की तर्ज पे जाकिर नाइक ने पश्चिम परिधान और अँगरेज़ी चुना, उन्होने दूसरे धर्मो की मान्यताओ को इस्लामिक सिद्धांतो से तुलना कर इसलाम की श्रेष्ठता साबित करने का अंदाज भी दिदात से ही सीखा। दिदात ने नाइक को ‘दिदात प्लस’ की उपाधि दी थी।

जाकिर नाइक इस्लाम और तुलनात्मक धर्मो पर उन्होंने अपने बहुत से बुकलेट भी प्रकाशित किये थे। इस्लाम में सार्वजानिक रूप से उन्होंने साम्प्रदायवाद का विरोध किया था। उनके उपदेशो पर फ़िलहाल भारत, बांग्लादेश, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम में बंदी लगा दी गयी है। इस्लामिक समुदाय से बाहर की बजाए इस्लामिक समुदाय में ही उनके बहुत से आलोचक है।

धर्म मे किसी भी सुधार का विरोधी – 

जाकिर नाइक का कहना हैं की उनकी कोशिश मुसलमानो और गैर-मुसलमानो मे इसलाम की सही समझ को बताना है, पर्यवेक्षको का मानना है की नाइक इसलाम के सलाफी परम्परा, जिसे वहाबिवाद भी कहा जाता है, के प्रचारक है। इस परम्परा के संस्थापक मुहम्मद इब्न अब्द अल वहाब माने जाते है, यह इसलाम की शुचीवादी विचारधारा है, जो धर्म मे किसी भी तरह का बदलाव या सुधार का विरोधी है।

इसलामिक रिसर्च फाउंडेशन से शुरुआत –

नाइक ने 1991 मे इसलमिक रिसर्च फाउंडेशन नामक संस्था बनाई तथा धर्म प्रचार का संगठित काम शुरू किया, वे आधुनिक शिक्षा के साथ धार्मिक शिक्षा देने के लिए इस्लामिक इंटरनॅशनल स्कूल भी चलाते है, जिसे उनकी पत्नी फरहत नाइक संभालती है, उनकी पत्नी की ज़िम्मे फाउंडेशन की महिला इकाई का काम भी है, ग़रीब और वंचित मुस्लिम युवाओ की आर्थिक मदद के लए नाइक ने यूनाइटेड इसलामिक एंड नामक संस्था भी बनायी है।

इंटरनेशनल सेटेलाइट टेलीविज़न चैनल 

वर्ष 2006 मे ज़किर नाइक ने अपने विचारी के प्रचार-प्रसार के लिए पीस टीवी नामक इंटरनेशनल सेटेलाइट टेलीविज़न चैनल शुरू किया जो दुबई से संचालित होता है, 2009 मे पीस टीवी का उर्दू संस्करण तथा 2011 मे इसके बंगला संस्करण की शुरुआत हुई, जाकिर नाइक इन तीनो चैनल के प्रमुख है।

इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की वेबसाइट के अनुसार नाइक “पीस टीवी नेटवर्क के पीछे के विचार और प्रेरक शक्ति है”, नाइक का चैनल “मानवी जीवन की सच्चाई, न्याय, नैतिकता, सामंजस्य और बुद्धिमत्ता का प्रचार करता है।” ऐसा उनकी वेबसाइट में दिखाया गया है। 2012 में भारत सरकार ने पीस चैनल पर भी बंदी लगा दी थी, न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार एक बेनाम भारतीय जर्नलिस्ट के हवाले से यह पता चला था की, मुंबई पुलिस ने पिछले कुछ सालो से उन्हें कांफ्रेंस आयोजित करने से वर्जित कर किया था और भारतीय सॅटॅलाइट प्रोवाइडर ने भी उनके चैनल पीस टिव्ही को टेलीविज़न पर प्रसारित करने से मना कर दिया था।

सम्मान और पुरूस्कार – Dr Zakir Naik Awards

वर्ष 2010 मे अँगरेज़ी दैनिक ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की 100 सबसे ताकतवर भारतीय सूची मे नाइक को 89वाँ स्थान दिया गया था। प्रभावशाली सूची जारी करने वाली किताब ‘द 500 मोस्ट इन्फ्लुयेन्षियल मुस्लिम’ के 2009 के बाद से सभी संस्करानो मे नाइक का उल्लेख किया गया है। दुबई के इंटरनेशनल होली क़ुरान अवॉर्ड ने 2013 मे उन्हे ‘इसलमिक पर्सनालिटी ऑफ दी इयर’ का खिताब दिया, यह सम्मान दुबई के उपशासक के हाथो दिया गया था। उसी साल मलेशिया के शासनाध्यक्ष ने उन्हे सम्मानित किया था। 2016 में साउदी किंग ने उन्हे प्रतिष्ठित ‘किंग फ़ैसल इंटरनेशनल प्राइज़ फॉर सर्विस टू इसलाम’ से नवाजा हैं, इन पुरूस्कारो के अलावा उन्हे शारजाह और गॉंबिया से भी सम्मान मिल चुका है।

Dr Zakir Naik Banned in India Hindi

डॉ ज़ाकिर नाइक को भारत सरकार ने बैन कर रखा हैं। 2020 में केंद्रीय मंत्रालय ने जाकिर की संस्था पर लगे बैन को 5 वर्ष के लिए बढ़ा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में आईआरएफ को उन गतिविधियों में शामिल बताया है, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं और जिनमें शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बिगाड़ने की क्षमता है।


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Note :- कृपया ध्यान दे ज़किर नाइक के बारे मे दी गयी जानकारी Dr Zakir Naik About Information In Hindi मे कुछ ग़लत लगे या कोई सलाह तो कृपया तुरंत कॉमेंट से बताए या हमे ईमेल करे, इसे तुरंत अपडेट किया जाएगा,

3 thoughts on “डॉ. ज़किर नाइक की जीवनी | Dr Zakir Naik Biography in Hindi”

    1. Dr Zakir naik pahele non Muslim tha bad m Islam m aaya ye Maine suna han pada nahi haan plzz sahi zankari de pahele tha ya nahi

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