वैज्ञानिक ब्लेज़ पास्कल की जीवनी | Blaise Pascal Biography in Hindi

Blaise Pascal / ब्लेज़ पास्कल एक फ्रांसीसी गणितज्ञ, भौतिकज्ञ और धार्मिक दार्शनिक थे। इन्होंने पहली कैल्कुलेटिंग मशीन बनाई जिसे संभवत: संसार का पहला कंप्यूटर माना जा सकता है।

ब्लेज़ पास्कल की जीवनी, निबंध | Blaise Pascal Biography In Hindi

ब्लेज़ पास्कल का परिचय – Blaise Pascal Biography in Hindi

ब्लेज़ पास्कल का जन्म फ्रांस के कलमेंट नामक शहर में 19 जून, 1623 को हुआ था। मात्र 3 वर्ष की आयु में इनकी माँ चल बसीं और इन्हें इनके पिता ने ही पाला-पोसा। इनकी शिक्षा-दीक्षा भी इसी देश में हुई। ये बचपन से ही बहुत मेधावी थे। इनकी प्रतिभा को देखकर इनके पिता ने इन्हें स्वयं पढ़ाने-लिखाने का निर्णय लिया।

ब्लेज़ पास्कल का कैरियर – Blaise Pascal Life History 

7 वर्ष की उम्र में पास्कल जमीन पर बैठा ज्यामितीय आकृतियां बनाता रहता। कई बार उसे इसके लिए अपने पिता की डांट भी खानी पड़ती क्योंकि उसके पिता का अनुमान था कि इस छोटी सी उम्र में उसे गणित जैसा कठिन विषय नहीं पढ़ना चाहिए। जब इस बालक की उम्र लगभग 12 वर्ष की थी तब उसने अपने पिता को बड़े ही स्पष्ट ढंग से यह सिद्ध करके दिखाया कि किसी भी त्रिभुज के तीनो अंत: कोणों का योग सदा ही दो समकोणों के बराबर होता है। बालक की इस अपूर्व प्रतिभा को देखकर उसके पिता ने उसे गणित पढ़ने कि आज्ञा दे दी।

12 वर्ष की उम्र में ही पास्कल द्वारा एक ऐसी प्रमेय सिद्ध की गई जो आज विश्वव्यापा पर प्रमेय बन गई हैं और ज्यामिति के अध्ययन में एक मूल सिद्धांत के रूप में प्रयोग होती है। पास्कल जब मात्र 12 वर्ष के ही थे, तब उन्होंने गणित से संबंधित एक निबंध प्रकाशित कराया, जिसकी डेस्कार्टिस जैसे विज्ञानिक तक ने भूरी-भूरी प्रशंसा की थी।

पास्कल के पिता स्थानीय प्रशासन में अकाउंटेंट का काम करते थे। घर आकर भी देर रात तक पैसों का हिसाब-किताब मिलाते रहते थे। पास्कल को इस बात से अत्यंत दुख होता था कि उसके पिता को दफ्तर के काम से रात को भी चैन नहीं मिलता। अपने पिता की सहायता करने के लिए उन्होंने इस बात का निश्चय किया की वे एक गणितीय गणना करने वाली ऐसी मशीन बनाएंगे, जो पिता के बोझ को हल्का कर सकेगी। कैसी लगन थी इस बालक में मात्र 19 वर्ष में पास्कल ने एक गणितय गणना करने वाली मशीन का आविष्कार कर डाला।

यह मशीन गियर और पहिये से चलती थी।  यह मशीन जोड़ तथा घटाने का काम कर सकती थी। इससे उनके पिता को बहुत मदद मिली। उन्होंने इस मशीन को पेटेंट कराया लेकिन बहुत अधिक कीमती होने के कारण ऊंचे पैमाने पर निर्माण ना हो सका। संभवत: यही संसार का सबसे पहला कंप्यूटर था। उसके इसी मॉडल की पहली व्यावसायिक मशीन सन 1892 में अमेरिका के इंजीनियर विलियम बरोज ने बनाई।

पास्कल ने यह सिद्ध करके दिखा दिया था कि तरल पदार्थ के एक बिंदु पर लगाया गया बल सभी दिशाओं पर समान रूप से स्थानातरित हो सकता है। उनका यह नियम “पास्कल नियम” से प्रसिद्ध हुआ। इसी पास्कल के नियम के आधार पर रुई की बड़ी बड़ी गांठो को दबाने के लिए हाइड्रोलिक दाब पम्प अविष्कृत किये गये तथा हाइड्रोलिक ब्रेक एवं इंजेक्शन लगाने की सिरिंज आदि का निर्माण किया गया।

इन्होंने त्रिभुज का आविष्कार किया जिसमें कुछ संख्याए दी गई थी। इसमें विभिन्न संख्याओं की पंक्तियां दी गई है। ऊपर की पंक्ति में 1 और 1 दो संख्याए हैं। फिर प्रत्येक अगली पंक्ति 1 से आरंभ होती है। प्रत्येक पंक्ति के अगले दो नंबर इसके साथ जोड़ दिए जाते हैं और जोड़ वाली संख्या को इन दोनों संख्याओं के बीच में रख दिया जाता है। इस प्रकार जो त्रिभुजाकार रचना निर्मित होती है वह प्रोबेबिलिटी में बहुत उपयोगी सिद्ध हुई हैं। इसे पास्कल का त्रिभुज करते हैं।

पास्कल ने धार्मिक पुस्तके भी लिखी। सन 1659 में पास्कल बीमार हो गए। बीमारी का इलाज कराने के बावजूद सेहत में सुधर नहीं आया और 19 अगस्त, 1662 को पेरिस में इस महान वैज्ञानिक की मृत्यु हो गई। इस समय इनकी उम्र मात्र 39 वर्ष थी।


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